ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण ने अधिसूचित गांवों को स्मार्ट बनाने और उनके विकास के लिए अपना खजाना खोल दिया है। आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में यमुना प्राधिकरण 19 गांवों को स्मार्ट बनाने पर 156 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसके साथ ही गांवों का संरचनात्मक ढांचा सुधारने पर 186.15 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
स्मार्ट विलेज की सूची नए गांव शामिल
प्राधिकरण ने स्मार्ट विलेज की सूची में नए गांव शामिल किए हैं। यमुना प्राधिकरण अभी तक 29 गांवों की जमीन को अपने मास्टर प्लान में प्रस्तावित सेक्टरों को विकसित करने के लिए अधिगृहीत या सहमति से क्रय किया है। पंचायती राज व्यवस्था समाप्त होने के बाद इन गांवों के विकास की जिम्मेदारी भी प्राधिकरण पर है।
प्राधिकरण ने गांवों के मौजूदा ढांचे के साथ ही उन्हें स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करा रहा है। इस सूची में अभी तक 19 गांव शामिल हो चुके हैं। प्राधिकरण ने 13 मार्च को हुई बोर्ड बैठक में गांव विकास के लिए बजट आवंटित कर दिया है।
प्राधिकरण ने चालू वित्त वर्ष में ग्राम विकास के लिए 129 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इसमें से प्राधिकरण मात्र 56.63 करोड़ रुपये खर्च कर सका है। इस वर्ष ग्राम विकास के लिए 186.15 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसी तरह गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए आगामी वित्त वर्ष में 156 करोड़ रुपये खर्च होंगे। चालू वित्त वर्ष में गांवों को स्मार्ट बनाने पर प्राधिकरण ने 68 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
इन गांवों को स्मार्ट बनाने की योजना
प्राधिकरण ने आगामी वित्त वर्ष के लिए गांवों को स्मार्ट विलेज सूची में शामिल किया है। इसमें आच्छेपुर, उस्मानपुर, फतेहपुर अट्टा, चकबीरमपुर, कादरपुर, रबूपुरा, महमदपुर गुर्जर, चांदपुर, जगनपुर शामिल हैं।
गांवों में यह विकास कार्य होंगे
स्मार्ट विलेज में डिजिटल लाइब्रेरी, इंटरलॉकिंग टाइल्स की सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइट, सीवर, पानी की लाइन, ऑप्टिकल फाइबर लाइन, बारात या सामुदायिक केंद्र आदि शामिल हैं।
गांवों में विकास कार्य एवं स्मार्ट विलेज के लिए आगामी वित्त वर्ष में बजट को बढ़ाया गया है। स्मार्ट विलेज के लिए कुछ नए गांवों को शामिल किया गया है। जल्द ही इन गांवों में विकास कार्य के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी।- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण