संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की आज 81वी बोर्ड बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कुल 55 प्रस्ताव रखे गए जिनमें से 10 प्रस्ताव ऐसे थे जिनको दोबारा से संशोधित कर रखा गया था। इस बोर्ड बैठक में एक कई अहम निर्णय लिए गए। जिनमें बायर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके नाम रजिस्ट्री करानी, ककोड़ में अवैध कॉलोनीयों पर शिकंजा करने के लिए अलग से नीति, फिल्म सिटी के लिए यमुना एक्सप्रेसवे से इंटरचेंज और ईस्टर्न पेरिफेरल और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए बनने वाले इंटरचेंज सहित कई प्रस्तावों पर मोहर लग गई।
यमुना प्राधिकरण कार्यालय में बुधवार को हुई बोर्ड बैठक में यमुना प्राधिकरण के अध्यक्ष अनिल सागर, यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण सीईओ डॉक्टर अरुण वीर सिंह, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, एडीएम एलए बच्चू सिंह के साथ नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ सहित अन्य अधिकारी मौजूद है। इस बोर्ड बैठक में सुपरटेक और सनवर्ल्ड बिल्डर के द्वारा प्रोजेक्ट का पैसा जमाने करने पर उनके आवंटन को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही टप्पल की पूरी टाउनशिप की 2726 हेक्टेयर जमीन को यमुना प्राधिकरण अधिग्रहण करेगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉक्टर अरविंद सिंह ने लोगों से अपील की है कि टप्पल में किसी भी प्रॉपर्टी डीलर के बहकावे में ना आए। टप्पल में जितनी भी अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है उन सबको प्राधिकरण के द्वारा ध्वस्त किया जाएगा। टप्पल की पूरी जमीन को यमुना प्राधिकरण विकसित करेगा।
इसके साथ ही यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में बनने वाली फिल्म सिटी के लिए गुरुवार को प्राधिकरण के अधिकारियों और फिल्म सिटी बनाने वाली बेव्यू प्रोजेक्ट एलएलपी कंपनी के बीच एमओयू साइन होगा। फिल्म सिटी के निर्माण के लिए यमुना प्राधिकरण ने पहले चरण में 230 एकड़ जमीन आवंटित की है। फिल्म सिटी को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे से रैंप बनाकर सीधा जोड़ा जाएगा।
अरुणवीर सिंह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में विकसित होने वाले सेक्टर में पहली बार इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कॉन्ट्रैक्ट (ईपीसी) मोड पर कार्य कराया जाएगा। जिससे सेक्टर में विभिन्न प्रकार के कार्यो को एक ही कंपनी को टेंडर देकर विकसित कराया जाएगा। उसमें कम समय लगेगा और पानी, बिजली व सड़क सहित सभी कार्य आसानी से हो जाएंगे। इसी के साथ कंपनी को निर्माण कार्य के साथ ही 5 साल के मेंटेनेंस का भी करार किया जाएगा। इसके साथ ही बनाई गई सड़कों का 5 साल के बाद दोबारा मेंटेनेंस करने में अधिकतम लागत का 5 से 7% बजट में ही तैयार किया जाएगा। अब से पहले इन सड़कों का दोबारा से मेंटेनेंस करने में अधिक राशि का एस्टीमेट तैयार किया जाता था।
अब अधिग्रहण के बाद बैकलीज और आबादी की समस्या होगी खत्म
डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण के द्वारा अधिग्रहण किए जाने वाले गांव में अब आबादी व बैकलीज की समस्याओं का पूर्ण तरीके से निस्तारण किया जाएगा। गांव में अधिग्रहण से पूर्वी गांव के चारों तरफ पेरीफेरल बनाकर आबादी को सीमित कर दिया जाएगा। उसके बाद गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। ऐसे में आने वाले समय में अधिग्रहण के बाद बैकलीज़ व आबादी की समस्या पूरे तरीके से खत्म हो जाएगी।