श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में ईदगाह परिसर में सर्वे की मांग वाली याचिका पर बड़ी खबर सामने आ रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. विवादित परिसर का सर्वे कोर्ट कमिश्नर से कराए जाने की हिंदू पक्ष की अर्जी पर सुनवाई खत्म हो गई है. अब हाईकोर्ट में मथुरा विवाद से जुड़ी सभी 16 याचिकाओं पर सुनवाई एक साथ होगी.
हिंदू पक्ष के मंदिर श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर विवादित परिसर का सर्वे कराए जाने की कोर्ट से मांग की गई थी. जिसमें सर्वे के लिए तीन मेम्बर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की गई थी. इसके साथ ही अर्जी में विवादित परिसर का सर्वे कर एडवोकेट कमीशन रिपोर्ट कोर्ट में सौंपे जाने की मांग की गई थी. यह अर्जी ऑर्डर 26 रूल 9 के तहत दाखिल की गई थी.
शाही ईदगाह मस्जिद ने रखा अपना पक्ष
फिलहाल इस अर्जी पर शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से आज कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया. इस दौरान शाही ईदगाह मस्जिद का कहना था कि जब तक प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट और वक्फ एक्ट का मामला निपटाया नहीं जाता है, तब तक कोर्ट कमिश्नर की मांग वाली अर्जी पर फैसला नहीं हो सकता है.
इलहाबाद हाईकोर्ट में आज सुबह 10:15 बजे से दोपहर करीब डेढ़ बजे तक इस मामले पर सुनवाई हुई. श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि ज्ञानवापी केस में भी पहले कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए गए, उसके बाद ही 7(11) की अर्जी डिसाइड हुई थी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के भी कई केसेज का हवाला दिया गया.
सुनवाई में क्या कुछ हुआ?
उन्होंने इस दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसलों में कहा है कि 7(11) की अर्जी किसी भी स्टेज पर डिसाइड की जा सकती है. हिंदू पक्ष की तरफ से एडवोकेट प्रभाष पांडे और अनिल सिंह बिसेन ने भी पक्ष रखा. श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास मथुरा के अध्यक्ष व वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने भी अपना पक्ष रखा. वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा ने दलीलें पेश की.
मथुरा जिला कोर्ट से ट्रांसफर हुई सभी याचिका
अयोध्या जन्मभूमि विवाद की तर्ज पर मथुरा विवाद का इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रायल हो रहा है. मथुरा जिला कोर्ट से ट्रांसफर हुई सभी 16 याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सीधे तौर पर सुनवाई कर रहा है. याचिकाओं में 12 अक्टूबर 1968 को हुए समझौते को अवैध बताया गया है. इस समझौते के तहत शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई 13.37 एकड़ जमीन भगवान श्री कृष्णा विराजमान को सौंपे जाने की मांग की गई है.
याचिकाओं में अवैध रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को भी हटाए जाने की मांग की गई है. ताकि अयोध्या की तरह मथुरा में भी भव्य मंदिर का निर्माण हो सके. हाईकोर्ट में लीडिंग सूट भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव के नाम से रंजना अग्निहोत्री व सात अन्य की ओर से दाखिल की गई है. याचिका में कुल चार पक्षकार बनाए गए हैं. शाही ईदगाह मस्जिद, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और श्री कृष्ण जन्मभूमि संघ को पक्षकार बनाया गया है.