संचार न्यूज़। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के आह्वान पर किसानों ने आज ग्रेटर नोएडा में हल्ला बोल प्रदर्शन किया। किसान ट्रैक्टर रैली लेकर कलेक्ट पहुंचे किसानों ने करीब 15 किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर रैली निकाल कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद किसानों का धरना और प्रदर्शन अभी भी जारी है। वही 15 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम किसान ज्ञापन सौंपेंगे। कलेक्ट्रेट पर सैकड़ो की संख्या में किसानों के साथ महिलाएं भी मौजूद रही। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल मोके पर मौजूद रही।
दरअसल, भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने तय कार्यक्रम के दौरान आज सूरजपुर जिला मुख्यालय पर किसानों ने हल्ला बोल प्रदर्शन किया। इस दौरान ट्रैक्टरों के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे किसानों की भारी भीड़ को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। किसानों ने लंबी पैदल यात्रा तय कर सूरजपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे वहां पर किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि किसानों के साथ जो अन्याय हो रहा है उसी को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के किसान अगर दिल्ली में आना चाहते हैं तो उन्हें हरियाणा के बॉर्डर पर क्यों रोका जा रहा है। किसानों को दिल्ली में जाने से रोकने के लिए सड़कों पर बड़े बेरिकेडिंग लगाए जा रहे हैं। आंसू गैस के गोले और किसानों पर लाठी चार्ज की जा रही है। सरकार का यह निरंकुश व्यवहार किसानों को उनकी मांगों से रोकने के लिए किया जा रहा है। नोएडा में पिछले कई महीने से जगह-जगह किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है।
गौतम बुद्ध नगर में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण में विकास को लेकर किसानों ने अपनी कीमती जमीन दे दी लेकिन उसके बाद भी किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही किसानों को 10% आवासीय भूखंड सहित अन्य मांगों के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। पवन खटाना ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर आज जिला मुख्यालय सूरजपुर पर आए हैं और यहां पर राष्ट्रपति के नाम अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। अगर सरकार या प्रशासन किसानों की मांगों को 26 और 27 फरवरी तक नही मानती है तो गौतम बुद्ध नगर का किसान बॉर्डरों पर संघर्ष करेगा।
पवन खटाना ने बताया कि सभी किसान सूरजपुर कलेक्ट्रेट पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और शाम को राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को 15 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण, भोजन, दवाओं, कृषि इनपुट और मशीन की जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाया जाए। वही पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस पर केंद्रीय शुल्क उत्पादन में कमी की जाए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिको, महिलाओं, दिव्यांगों, व्यक्तियों और खिलाड़ियों को रेलवे द्वारा कोविड के बहाने वापस ली गई रियायतें बहाल की जाए वहीं खाद्य सुरक्षा की गारंटी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए। सभी के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता के अधिकार की गारंटी व नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द किया जाए सभी के लिए सरकार आवास सुनिश्चित करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन विधेयक को सरकार वापस ले कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जाए काम के अधिकार को मौलिक बनाया जाए। किसानों को बीज, उर्वरक और बिजली पर सब्सिडी बढ़ाई जाए। सरकार किसानों की उपज के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी दे और खरीद की गारंटी दे जिससे किसानों की आत्महत्या को हर कीमत पर रोका जाए।
इसके साथ ही पवन खटाना ने कहा कि किसान परिवारों को कर्ज के जाल से मुक्त करने के लिए व्यापक ऋण माफी योजना सरकार द्वारा चलाई जाए। केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन को लागू करें जिसके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष को निलंबित कर दिया गया था। सरकार सभी शहीद किसानों के लिए सिंधु सीमा पर स्मारक मुआवजा दे और उनके परिवारों का पुनर्वास करें। किसानों को संविधान के मूल मूल्यों अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता, विधिक संस्कृतियों, भाषाओं, कानून के समक्ष समानता और देश की संघीय संरचना आदि पर हमला सरकार बंद करें। इसके साथ ही अन्य मांगों को लेकर किसान कलेक्ट्रेट में अपना धरना प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों को कहना है कि उनकी मांगों को लेकर अगर सरकार गंभीर नहीं हुई तो किसान अपनी मांगों को लेकर उग्र आंदोलन करेंगे।