नोएडा। मांगों को लेकर बीते 18 जनवरी को नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर तालाबंदी करने वाले 746 किसानों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस के इस रवैये से किसानों में आक्रोश
प्राधिकरण के जेई की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा तो 23 जनवरी को ही दर्ज कर लिया था, लेकिन गोपनीय रखा। करीब एक माह बाद यह एफआइआर सामने आई है। पुलिस के इस रवैये से किसानों में आक्रोश है। किसानों ने सीईओ के साथ हुई बैठक में इस फर्जी मुकदमे को वापस लेने की मांग की।
प्राधिकरण कार्यालय पर तालाबंदी करने पहुंचे थे किसान
पुलिस एफआइआर में भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा समेत 46 किसान नामजद और 700 अज्ञात किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। प्राधिकरण के अवर अभियंता अरुण वर्मा द्वारा दर्ज कराई एफआइआर में कहा है कि 18 जनवरी को नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर किसान तालाबंदी करने पहुंचे।
नामजद किसानों के अलावा करीब 700 लोग जिसमें पुरुष, महिलाएं, छोटे बच्चे की भीड़ नोएडा प्राधिकरण के बाहर एकत्रित होकर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। और बोल रहे थे, हम नोएडा प्राधिकरण के अंदर घुसेंगे और प्राधिकरण पर ताला लगाकर कब्जा करेंगे। इस मौके पर प्राधिकरण के अधिकारियों और पुलिस ने इन लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए वार्ता करने को कहा गया।
इसके बाद भी इन लोगों के द्वारा विधि विरुद्ध एकत्र होकर सभी ने एक स्वर में उत्तेजित होते हुए कहा कि कोई वार्ता नहीं होगी। आज हम आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। जो भी हमारे बीच आएगा, उसे जिंदा नहीं छोड़ेंगे।
प्राधिकरण के गेट पर लगे बैरियर पर चढ़ गए…
नोएडा प्राधिकरण के आसपास कैली, टपरी, चाय की दुकानें आदि लगाकर फैक्ट्रियों में काम कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले गरीब लागों को भी इनके द्वारा प्राधिकरण के आसपास न आने को कहते हुए मारपीट कर भागने को कहा। आरोप है कि इतना कहकर सुखवीर खलीफा, महेंद्र व जयवीर प्रधान आदि कई लोग नोएडा विकास प्राधिकरण के गेट नंबर-4 पर लगे बैरियर पर चढ़ गए।
गेट पर ताला लगाने की कोशिश करते हुए हाय हल्ला करने लगे और बैरियर टूटने के कारण लोग नीचे गिर गए। इनके द्वारा गेट पर लगे राष्ट्र ध्वज का अपमान किया गया। यही नहीं पुलिसकर्मियों पर जान से मारने की नियत से अपने साथ लाई गई जंजीरों से हमला किया। जिसमें उपनिरीक्षक प्रदीप द्विवेदी, हेड कांस्टेबल प्रभात सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नियत से गला दबाकर नीचे गिरा दिया।
नोएडा विकास प्राधिकरण के लोग भी इनके डर के कारण जान बचाने के लिए छिपे रहे। नामित व अन्य लोगों की भीड़ के उग्र रूप धारण कर की जा रही तोड़फोड़ से आसपास के केनरा बैंक व बैंक आफ बड़ोदा व अन्य वित्तीय संस्थानों में काम करने वाले व्यक्तियों में इतना भय व्याप्त हो गया।
राजस्व हानि के चलते मच गई थी भगदड़
आर्थिक नुकसान एवं राजस्व हानि के चलते भगदड़ मच गई। संस्थान में मौजूद लोगों ने जान बचाने के लिए शटर बंद कर लिए। रेहड़ी पटरी वाले जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग गए। फैक्टरियों से मालिक व मजदूर भी जान बचा करके छिप गए। जिससे लोक व्यवस्था भंग हुई।
सरकारी कार्य बाधित रहा। मुकदमा दर्ज होने के बाद भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा का कहना है कि गुपचुप तरीके से मुकदमा दर्ज करने के बाद कोर्ट काे सूचना देने पर मुकदमे की जानकारी हुई। पुलिस की यह वादाखिलाफी है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
इन लोगों को किया गया नामजद
सुखवीर खलीफा, राजेंद्र यादव, जय प्रकाश आर्या, प्रेम पाल चौहान, सोनू बादौली, सत्यवीर चौहान, चेतराम यादव, सुबोध यादव, उदल यादव, रामी यादव, सोनू पहलवान, अरुण यादव बीडीसी, सौरभ आजाद, विपिन तोमर, अनूप राघव, मानवेंद्र भाटी, सोनू यादव, महेंद्र यादव वकील, जयवीर यादव प्रधान, मुकेश यादव बीडीसी, वीरेंद्र चौहान, राहुल यादव, गोपाल शर्मा, सीता देवी, छाया, राजबाला, पूनम, अंजलि, सुनीता राघव, गंगा, राजबाला, पंकज खारी, संदीप चौहान, प्रवीन चौहान, मुंदर यादव, नीरज गुर्जर, पुष्पेंद्र यादव, टीटू, राहुल, मनोज, विक्रांत, योगेंद्र, प्रवीन चौहान, सुधीर, अनुराग, विपिन अवाना समेत 700 अज्ञात के खिलाफ 147, 148, 152, 307, 332, 353, 323, 504, 506, 427, 153ए, 34, 120बी, 7, 3, 4 आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।