भारत के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने हार्दिक पांड्या द्वारा घरेलू क्रिकेट नहीं खेलने को लेकर आलोचना की है। हार्दिक पांड्या पिछले साल वनडे विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान चोटिल हुए थे। उनके बाएं टखने में चोट लगी थी, जिसको ठीक होने में करीब तीन महीने लगे। उन्होंने डीवाई पाटिल टूर्नामेंट के दौरान अपना पहला गेम खेला, हालांकि बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को निर्देश दिया था कि अगर वह फिट हैं तो रणजी और घरेलू क्रिकेट के अन्य प्रारूपों को प्राथमिकता देना होगा। लेकिन हार्दिक के मामले में ऐसा नहीं हुआ फिर भी उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह मिली थी।
ईशान किशन और श्रेयस अय्यर ने बोर्ड के निर्देश को नजरअंदाज किया था और फिट होने के बावजूद घरेलू क्रिकेट नहीं खेला था, जिसके कारण दोनों को सेंट्रल कॉन्टैक्ट से बाहर कर दिया गया था। हालांकि हार्दिक पांड्या को इस मामले में छूट दी गई, क्योंकि वह तीनों फॉर्मेट का हिस्सा नहीं है। हालांकि हार्दिक ने कथित तौर पर बोर्ड से वादा किया कि अगर उनकी भारत प्रतिबद्धताओं के बाहर कोई विंडो उपलब्ध है तो वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी या विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने के लिए आएंगे।
प्रवीण कुमार ने शुभंकर मिश्रा के यूट्यूब चैनल पर कहा, ”हार्दिक पांड्या क्या चांद से उतर कर आया है? उसे भी खेलना होगा। उसके लिए अलग नियम क्यों हैं? बीसीसीआई को उन्हें धमकाना चाहिए। सिर्फ घरेलू टी20 टूर्नामेंट (डीवाई पाटिल) क्यों खेलेंगे? तीनों फॉर्मेट खेलें. या फिर आपने 60-70 टेस्ट मैच खेले हैं कि आप सिर्फ टी20 ही खेलेंगे. देश को आपकी जरूरत है।”
2018 के बाद से हार्दिक पांड्या ने टेस्ट नहीं खेला है। हालांकि उन्होंने इस तरह इशारा किया था कि उनकी बॉडी खेल के सबसे लंबे प्रारूप को खेलने के लिए पूरी तरह फिट नहीं है।
प्रवीण कुमार ने आगे कहा, ”लिखित में दो कि मैं टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं हूं। न तो आप इससे प्रतिबद्ध हो रहे हैं, न ही आप पूरी तरह से पीछे हट रहे हैं। बीसीसीआई से भी पूछताछ होनी चाहिए। आप एक खिलाड़ी के लिए नियमों को तोड़-मरोड़ कर नहीं बना सकते। लेकिन मुझे लगता है कि चर्चा जरूर हुई होगी। अगर उन्हें लगता है कि हार्दिक टी20 में एक अहम सदस्य हैं और हम नहीं चाहते कि उनकी फिटनेस प्रभावित हो। तो फिर ठीक है या तो उसे या खिलाड़ी को सूचित किया जाना चाहिए कि उस पर केवल टी20 और वनडे के लिए विचार किया जाएगा, टेस्ट के लिए नहीं।”