नई दिल्ली। शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा। शीर्ष कोर्ट ने उन्हें जमानत नहीं देने का फैसला बरकरार रखते हुए उनकी क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी।
इससे पहले मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर 2023 को खारिज कर दिया था। इसके बाद पुर्नविचार याचिका भी खारिज होने के बाद उन्होंने चार मार्च को क्यूरेटिव याचिका दायर कर इस पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया फैसला
सिसोदिया एक साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एसवीएन भट्टी वाली चार जजों की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की।
शीर्ष अदालत ने 13 मार्च के अपने आदेश में कहा कि हमने क्यूरेटिव याचिका और संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन किया है। जमानत न देने के आदेश में बदलाव का कोई आधार नहीं मिला।
26 फरवरी 2023 में हुए थे गिरफ्तार
सिसोदिया को सीबीआइ ने 26 फरवरी, 2023 को दिल्ली आबकारी घोटाले में उनकी संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।
सिसोदिया को अब 22 मार्च का इंतजार
आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में अदालत ने जेल में बंद आप नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। 12 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सिसोदिया की रिमांड अवधि समाप्त होने पर 22 मार्च तक उनकी अवधि बढ़ा दी है।