प्रोफेसर नईमा खातून को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) का कुलपति नियुक्त किया गया है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 103 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला प्रोफेसर को कुलपति नियुक्त किया गया है. एएमयू कार्यकारी परिषद (ईसी) और एएमयू कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति के लिए तीन उम्मीदवारों का एक पैनल बनाया था और उसे राष्ट्रपति के पास भेजा, जिसमें से प्रोफेसर नईमा खातून को एएमयू के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है.
बता दें कि एएमयू देश का एकमात्र शैक्षणिक संस्थान है, जिसे अपने विश्वविद्यालय का कुलपति चुनने का अधिकार है. एएमयू कार्यकारी परिषद ने 30 अक्टूबर 2023 को कुल 20 उम्मीदवारों में से पांच उम्मीदवारों का एक पैनल तैयार किया था, जिसमें से तीन उम्मीदवारों का एक पैनल 6 नवंबर 2023 को एएमयू कोर्ट के सदस्यों द्वारा तैयार किया गया था, एएमयू कोर्ट ने जो तीन नाम राष्ट्रपति को भेजे थे, उसमें प्रो. एमयू रब्बानी, प्रो. नईमा खातून, प्रो. फैजान मुस्तफा थे.
पैनल में नाम आते ही खड़ा हो गया था विवाद
तीन उम्मीदवारों के पैनल का गठन में प्रोफेसर नईमा खातून का नाम आने के बाद पहले दिन से ही विवादों में घिरा हुआ था. वर्तमान में एएमयू के कार्यवाहक वीसी प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज अहमद हैं. जब पैनल का गठन हो रहा था, तब मोहम्मद गुलरेज अहमद ने पैनल की अध्यक्षता की थी और अपना वोट पत्नी नईमा खातून दिया था. इसी के खिलाफ मामला विश्वविद्यालय परिसर से लेकर राष्ट्रपति और इलाहाबाद हाई कोर्ट तक चला गया. इलाहाबाद हाई कोर्ट में आखिरी सुनवाई 15 अप्रैल को हुई थी. अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है.
1988 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़ीं
प्रोफेसर नईमा खातून को साल 1988 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के मनोविज्ञान विभाग में लेक्चरर के तौर पर नियुक्त किया गया था. वह अप्रैल 1998 से एसोसिएट प्रोफेसर और जुलाई 2006 से प्रोफेसर रहीं. प्रोफेसर नईमा खातून जुलाई 2014 में महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बनीं. इन्होंने मध्य अफ्रीका के रवांडा के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में एक साल पढ़ाया. इनके पास राजनीतिक मनोविज्ञान में PHD की डिग्री है. वह वर्तमान में अक्टूबर 2015 से सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग, एएमयू, अलीगढ़ के निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं.
AMU के नए कुलपति के लिए राष्ट्रपति के पास जो तीन नाम भेजे गए थे, उसमें प्रो. एमयू रब्बानी, प्रो. नईमा खातून, प्रो. फैजान मुस्तफा थे.
प्रोफेसर नईमा खातून ने 6 किताबें लिखीं
प्रोफेसर नईमा खातून ने लुइस विले विश्वविद्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका, अल्बा लूलिया विश्वविद्यालय रोमानिया, चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय बैंकॉक, हॉलिंग्स सेंटर इस्तांबुल, तुर्की और हॉलिंग्स सेंटर फॉर इंटरनेशनल में भी दौरा किया है और लेक्चर दिए हैं. नईमा खातून ने छह पुस्तकों लिखी हैं. वह वीमेंस कॉलेज छात्र संघ के लिए दो बार चुनी गईं. उन्होंने अब्दुल्ला हॉल और सरोजिनी नायडू हॉल के साहित्यिक सचिव और वरिष्ठ हॉल मॉनिटर का पद भी संभाला है. सर्वांगीण उत्कृष्टता के लिए उन्हें पापा मियां पद्म भूषण सर्वश्रेष्ठ गर्ल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
मूल रूप से ओडिशा की प्रोफेसर नईमा खातून महिला कॉलेज की प्राचार्या हैं. 2006 में नईमा खातून को प्रोन्नति देकर प्रोफेसर बनाया गया. 2014 में महिला कॉलेज की प्रिंसिपल बनने से पहले तक उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को नहीं छोड़ा.