पिपराइच इलाके के जंगल धूसड़ में सोमवार की सुबह नौ बजे पटाखा फैक्टरी में तेज धमाके के साथ भीषण आग लग गई। धमाका होते ही फैक्टरी की छत उड़ने के साथ दीवार गिर गई। पूरी फैक्टरी आग की लपटों में घिर गई।
यहां काम करने वाला अन्य कारीगर व महिलाओं ने किसी तरह भागकर जान बचाई। वहीं फैक्टरी संचालक का बेटा, घटना का कारण समझने दूसरे कमरे की तरफ गया, जहां गंभीर रूप से झुलस गया। घटना की सूचना मिलते ही पिपराइच पुलिस और फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पहुंचकर आग बुझाने में जुट गई। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। पुलिस घटना की वजह जानने के लिए जांच में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार, पिपराइच इलाके के हसनगंज निवासी अब्बास अली की घर से थोड़ी दूर जंगल धूसड़ में जमीन और मकान है। वह शहर के तिवारीपुर इलाके के इलाहीबाग निवासी अब्दुल्ला को किराए पर दिये है। अब्दुल्ला 16 वर्षो से बुढ़ऊ चाचा के नाम से पटाखा की फैक्टरी चलाते हैं।
फैक्टरी की देखभाल उनका बेटा मेराज करता है। सोमवार की सुबह नौ बजे मेराज पहुंचा और कुछ महिलाओं के साथ टीन शेड के कमरे में पटाखा बनाना शुरू किया। इसी दौरान बगल में पटाखा रखे कमरे में विस्फोट होने लगा। मेराज पहुंचा और दरवाजा खोला तो आग की चपेट में आने से जख्मी हो गया।
जबकि, काम कर रही महिलाएं और वहां से दूर भाग गई। सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घायल को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया है। फायर ब्रिगेड की टीम लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।
पटाखा फैक्टरी में आग लगने की सूचना पर मौके पर पहुंचे एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आग कैसे लगी, इसके कारण का पता लगाया जा रहा है।
16 साल से चल रही थी पटाखा फैक्ट्री
दरअसल, कोतवाली इलाके के बेनीगंज के रहने वाले स्व. जियाउल्लाह उर्फ बुढ़ऊ चाचा पटाखे वाले के बेटे अब्दुल्ला उर्फ टिंकू की पिपराइच इलाके के जंगल धूसड़ स्थित पटाखा फैक्ट्री है। यह फैक्टरी यहां करीब 16 साल से चल रही है।
जबकि, तरंग क्रासिंग पर इनकी पटाखा की दुकान भी है। पुलिस के अनुसार दिसंबर 2023 तक पटाखा फैक्ट्री का रजिस्ट्रेशन का रिकार्ड थाने पर मिला है। वर्तमान स्थित का पता पुलिस लगाने में जुटी है।
तीन साल पहले भी लगी थी आग
आसपास के लोगों के मुताबिक, इसी फैक्ट्री में करीब तीन साल पहले भी आग लगी थी। दोपहर के वक्त मजदूर काम कर रहे थे। तभी वहां रखे बारूद की ढेर में आग लग गई। हालांकि, उस वक्त कोई घायल नहीं हुआ था और समय रहते आग पर काबू पा लिया गया था।
बावजूद इसके फैक्ट्री में कर्मचारियों के लिए फायर सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। शायद यही वजह है कि एक बार फिर इस फैक्ट्री में आग लग गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि अब तक इसमें तीन बार आग लगने की घटना हो चुकी है।
पटाखे की आवाज से सहमें आसपास के गांव वाले
जंगल धूसड़ में पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से लोगों ने बताया कि दो घंटे तक लगातार पटाखे की आवाज लगभग तीन किलोमीटर दूर तक सुनाई देता रहा। जिससे आसपास के गांव वाले दहशत में आ गए। वही घटना की जानकारी होते ही पटाखा फैक्ट्री के पास हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। पटाखे की आवाज से बगल में एक मकान की खिड़की का शीशा टूट गया।
एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री में आग लगने की सूचना पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाय लिया। पटाखा फैक्ट्री का लाइसेंस दिसंबर 2023 तक थाने पर मिला है। आगे की जानकारी के लिए प्रशासन से रिपोर्ट मांगा गया है। रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।