नोएडा। एक्सप्रेस-वे कोतवाली पुलिस ने साइबर अपराध में संलिप्त चीनी नागरिक समेत पांच लोगों को बुधवार को गिरफ्तार किया है। ये लोग साइबर ठगों को ठगी के लिए बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में दो तिब्बत के नागरिक भी हैं।
आरोपितों के पास से 223 सिम, 21 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, सात आधार कार्ड, विदेशी मुद्रा कुल 15 नोट तथा भारतीय मुद्रा के 23,110 रुपये, चाइनीज पासपोर्ट, दो अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस, बैग तथा अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों को खोजा जा रहा है।
गरीब लोगों को झांसे में लेते
डीसीपी विद्यासागर मिश्र ने बताया कि सूचना के आधार पर पांच लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि ये लोग गरीब लोगों को झांसे में लेकर उनको टेलीग्राम और वॉट्सऐप समेत इंटरनेट मीडिया के अन्य ग्रुप पर जोड़कर उनसे ओटीपी आदि लेकर फर्जी अकाउंट में पैसा डालकर ठगी करते हैं।
आरोपियों की पहचान चीन के सांग कांग सिटी के झू जुनकाई, मैसूर (कर्नाटक) के टेनजिंग कालसंग और हिमाचल प्रदेश कांगड़ा के त्सेरिंग धोंदुप, लखनऊ के कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी के रूप में हुई है। टेनजिंग कालसंग और त्सेरिंग धोंदुप मूलरूप से तिब्बत के रहने वाले हैं।
साइबर ठगी करने वालों को उपलब्ध कराते थे सिम और बैंक खाता
पांचों साइबर ठगी करने वाले गिरोह को बैंक खाते और सिम उपलब्ध कराते हैं। पुलिस ने टेनजिंग और त्सेरिंग के पास से सबसे पहले 223 सिम बरामद कीं। इनमें 94 नए सिम कार्ड, 114 खाली सिम कार्ड रेपर और 15 खाली सिम मोबाइल नंबर की चिट के पास मिली थी।
लखनऊ के कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी लोगों से संपर्क कर उनके बैंक खाते और सिम समेत अन्य दस्तावेज ले लेते थे। सेविंग अकाउंट के एवज में गरीबों को तीन हजार और कॉरपोरेट अकाउंट के लिए 20 हजार रुपये दिए जाते थे। गरीबों के दस्तावेज का इस्तेमाल कर सिम निकलवाए भी जाते थे जो साइबर ठगी में इस्तेमाल होते थे।
चीनी नागरिक है इनका मास्टरमाइंड
टेनजिंग कलसेंग और त्सेरिंग सिम को कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी से रिसीव करते थे। टेलीग्राम पर जैसे ही ठगों द्वारा ऑर्डर मिलता था, उन्हें रकम लेने के बाद खाते और सिम मुहैया करा दी जाती थी।
चीनी नागरिक झू जुनकाई का काम इन चारों का ठगी करने वाले जालसाजों से संपर्क कराने का था। वह अफ्रीका और दुबई समेत अन्य जगह पर भी रह रहा है। ऐसे में उसका नाइजीरियन समेत अन्य कुख्यात गिरोह से सीधा संपर्क है। वह विदेश में बैठे ठगों को खाते उपलब्ध कराता है। इन्हीं खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर होकर बाहर जाती है। झू जुनकाई का काम क्लाइंट और कस्टमर के बीच लिंक स्थापित करना है।
वीजा बिजनेस का और काम ठगी का
डीसीपी ने बताया कि चीनी नागरिक के वीजा और पासपोर्ट की जांच की गई। जांच में पता चला कि वह तीसरी बार बिजनेस वीजा पर भारत आया है। उसका वीजा अगस्त 2024 तक भारत में वैध है। चीनी नागरिक का अन्य चारों से सीधा संपर्क हैं। आरोपितों ने 20 ऐसे खातों की जानकारी दी है, जिसमें ठगी की रकम आई है। एक बैंक खाते में 51 लाख रुपये मिले हैं।
योजना के तहत मेले में लगाता है स्टॉल
डीसीपी ने बताया कि कृष्ण मुरारी मेले में स्टॉल योजना के तहत लगाता है। यहां के दुकानदारों और आने वाले अन्य व्यक्तियों को वह पैसों का लालच देकर बैंक खाते ले लेता है। उसके संचालन का अधिकार ठगों तक पहुंचा देता है। वहीं, शोभित बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेज और बैंक खाते ले लेता है। शोभित और कृष्ण मुरारी ने 12वीं तक की पढ़ाई की है।