मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि कांवड हो या फिर मोहर्रम अस्था का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन प्रदेश में किसी भी नई परंपरा की अनुमति नहीं दी जाएगी। धार्मिक यात्राओं, जुलूसों में किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों। ताजिया वहीं रखे जाएं जहां किसी प्रकार का विवाद न हो। यदि नया विवाद सामने आता है तो पहले उसका निस्तारण करें फिर निर्णय लें। कांवड यात्रा मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री न की जाए। मुख्यमंत्री ने आगामी पर्व त्योहारों के मद्देनज़र सुदृढ़ कानून-व्यवस्था तथा महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के सफल आयोजन के संबंध में रविवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की। इसमें पुलिस कमिश्नरों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा की गई।
शरारती तत्वों पर रखें नज़र
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। कांवड़ शिविर लगाने के स्थान पहले से चिन्हित हों, ताकि आवागमन बाधित न हो। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। सुरक्षा में कोई सेंध न लगा पाये, इसके लिए हमें हर समय अलर्ट रहना होगा। कांवड़ शिविर लगाने वालों का सत्यापन करें।अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटा जाए। ड्रोन से भी निगरानी करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 22 जुलाई से पवित्र श्रावण मास का प्रारंभ हो रहा है। इस अवधि में श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। श्रावण मास में परंपरागत कांवड़ यात्रा निकलेगी। 7-9 जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा, 7-8 जुलाई से 17-18 जुलाई तक मोहर्रम, 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पावन अवसर है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पारंपरिक कांवड़ यात्रा की दृष्टि से उत्तराखण्ड की सीमा से लगे जनपद तथा गाजियाबाद, मेरठ, अयोध्या, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, बाराबंकी, बस्ती आदि जिले अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। प्रदेश के भीतर जिलों के बीच तथा सीमावर्ती जनपदों की दूसरे राज्यों के साथ स्थानीय प्रशासन सीमावर्ती राज्यों से सतत संवाद-संपर्क-समन्वय बनाये रखें।
तय सीमा से अधिक न हो डीजे की ऊंचाई
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि कावंड़ यात्रा आस्था के उत्साह का आयोजन है। परंपरागत रूप से नृत्य, गीत, संगीत इसका हिस्सा रहे हैं। यह सुनिश्चित करें कि डीजे, गीत-संगीत आदि की आवाज निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो। डीजे की ऊंचाई एक तय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
कांवड यात्रा मार्ग पर खुले में न हो मांस की बिक्री
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि का खरीद-बिक्री न हो। यात्रा मार्ग पर स्वच्छ्ता-सैनिटाइजेशन बनी रहे। स्ट्रीट लाइट की अच्छी व्यवस्था हो। कांवड़ शिविर लगाने वाली समितियों के सहयोग लें। यात्रा मार्गों को चिन्हित करते हुए भीड़ प्रबंधन, रूट डायवर्जन, पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों आदि की व्यवस्था समय से कर ली जाए।
कांवड यात्रा मार्ग पर जर्जर खंभे हटाएं
उन्होंने निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा के मार्ग पर जर्जर बिजली के खंभे, झूलते-लटकते बिजली के तार आदि प्रबंधन समय से कर लिया जाए ताकि श्रद्धालुओं को समस्या न हो, किसी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति न आए। श्रावण मास के दौरान कांवड़ यात्रा के अतिरिक्त हर गांव, कस्बे, नगर में सोमवार को शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। ऐसे में शिवालयों के आस-पास परिवेश स्वच्छ होना चाहिए। नालियां चोक न हों, उनकी साफ-सफाई समय से करा ली जाए। पंचायतीराज और नगर विकास विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए। प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग कतई न हो, इसे सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने मोहर्रम जुलूस के दौरान निकलने वाली ताजिया से जुड़ी समितियों और पीस कमेटी के साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा संवाद-समन्वय बनाया जाए। विगत वर्ष कुछ स्थानों पर दुर्घटनाएं घटित हुई थीं। उनसे सीख लेते हुए इस वर्ष सभी आवश्यक प्रबंध किए जाने चाहिए। ताजिया की ऊंचाई परंपरा के अनुरूप ही हो। दुर्घटना का कारक बनने वाले अनावश्यक रूप से ओवरसाइज ताजिया जुलूस में न शामिल हों।