उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के दौरान हुए परिवार कल्याण विभाग के दो सीएमओ की हत्या में मुख्य शूटर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. परिवार कल्याण के सीएमओ विनोद आर्य और बीपी सिंह हत्याकांड में मुख्य शूटर आनंद प्रकाश तिवारी को उम्रकैद हुई है. वहीं, हत्याकांड में गिरफ्तार दो अन्य अरोपियो को संदेह के लाभ में कोर्ट ने बरी कर दिया.
बता दें कि अक्टूबर 2010 में लखनऊ के विकास नगर में रहने वाले परिवार कल्याण के सीएमओ विनोद आर्य की गोली मारकर हत्या की गई थी. इसके 6 महीने बाद 2 अप्रैल 2011 को गोमती नगर में परिवार कल्याण के दूसरे सीएमओ बीपी सिंह की हत्या कर दी गई थी.
जिसके बाद जून 2011 को मड़ियाव इलाके से UP STF ने शूटर आनंद प्रकाश तिवारी, विनोद शर्मा और साजिशकर्ता रामकृष्ण वर्मा उर्फ आरके वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था. आनंद प्रकाश के पास से बरामद दो पिस्टल का दोनों हत्याकांड में मिले खोखे से मिलान करवाया गया था, जिसमें पिस्टल और खोखे एक ही निकले.
लंबी चली सुनवाई के बाद आज ADJ-2 कोर्ट ने CMO हत्याकांड में शामिल शूटर आनंद प्रकाश तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया. वहीं, साक्ष्यों के अभाव में विनोद शर्मा और रामकृष्ण वर्मा को बरी कर दिया गया. दोनों पर आरोप तय नहीं हो सके थे.
एक शूटर मुठभेड़ में मारा गया था
हत्याकांड से जुड़ा एक शूटर मुठभेड़ में मारा गया था, जबकि अंशू दीक्षित पेशी के दौरान भाग गया था. आनंद प्रकाश और रामकृष्ण वर्मा के खिलाफ जांच चल रही थी. आखिर में शूटर आनंद प्रकाश दोषी साबित हुआ. जबकि, रामकृष्ण वर्मा और विनोद शर्मा दोष मुक्त हो गए. इस मामले में कई गवाह मुकर भी गए थे.