नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज और कोच अंशुमान गायकवाड़ (Anshuman Gaekwad) का कैंसर की लंबी बीमारी के बाद बुधवार को निधन हो गया. वह 71 साल के थे और पिछले कुछ समय से ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे. गायकवाड़ का लंदन में इलाज चल रहा था. गायकवाड़ ने 1975 से 1987 तक भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले. 1982 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. वह दो बार भारत के हेड कोच भी रह चुके थे.
गायकवाड़ के इलाज के लिए हाल ही में BCCI सचिव जयशाह ने 1 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी. शाह ने गायकवाड़ के परिवार से भी बात की थी और उनका हालचाल जाना थी. पूर्व क्रिकेटर संदीप पाटिल ने BCCI से मदद की गुहार लगाई थी.
बीसीसीआई सचिव जयशाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाकयवाड़ के निधन पर शोक व्यक्त किया है. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर उनके निधन पर शोक प्रकट किया. शाह ने गायकवाड़ के निधन को पूरे क्रिकेट के लिए दुखद बताते हुए उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
मोदी ने अंशुमान गायकवाड़ को एक ‘गिफ्टेड प्लेयर’ और शानदार कोच बताया और कहा कि उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.
भारत के पूर्व विश्व कप विजेता खिलाड़ी कपिल देव ने भी गायकवाड़ की मदद करने की अपील की थी. कपिल देव और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज गायकवाड़ के साथ खेल चुके थे. कपिल देव ने कहा था कि बीसीसीआई को उनकी मदद के लिए आगे आनी चाहिए.
कैसा रहा था अंशुमान गायकवाड़ का करियर?
गायकवाड़ पहली बार 1997 से 1999 तक और फिर दूसरी बार 2000 तक टीम इंडिया के हेड कोच थे. अपने कोचिंग के पहले कार्यकाल के दौरान सचिन तेंदुलकर टीम के कप्तान थे. हालांकि गायकवाड़ काक दूसरा कार्यकाल मैच फिक्सिंग कांड के कारण विवादों में रहा.
गायकवाड़ के पहले कार्यकाल के दौरान ही अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच की एक पारी में 10 विकेट लिए थे और भारत ने ऑस्ट्रेलिया को अपने घर में 2-1 से हराकर टेस्ट सीरीज जीती थी. 1990 के दशक के समय वह में राष्ट्रीय चयनकर्ता भी थे. वह केन्या के भी कोच रह चुके हैं, जिसने 1999 का वर्ल्ड कप खेला था.