अल्जीरिया की इमान खलीफ ने शनिवार (3 अगस्त) को हंगरी की अन्ना हमोरी को सर्वसम्मत निर्णय से हराकर महिला मुक्केबाजी में अल्जीरिया का पहला ओलंपिक पदक सुनिश्चित किया। अल्जीरिया की मुक्केबाज इमान खेलीफ के महिला वर्ग में भाग लेने पर पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा है। दरअसल सोशल मीडिया पर कहा गया कि खेलीफ एक महिला से मुक्केबाजी करने वाला पुरुष था। मुक्केबाज इमान खेलीफ मुकाबला जीतने के बाद काफी इमोशनल हो गए थे।
अल्जीरिया की इमान खलीफ ने पहले राउंड से ही दबदबा बनाए रखा। एक समय उन्हें मुश्किल हुई, जब हंगरी की मुक्केबाज ने उनके नाक पर एक पंच मारा था। इमान ने इस प्रहार पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और अपने मुक्कों से हमला जारी रखा। हालांकि इमान को भारतीय रेफरी ने पहले राउंड के दौरान हमोरी के सिर के पीछे मारने के लिए वॉर्निंग दी। दूसरे राउंड में हमोरी काफी शांत थी और वो खलीफ के मुक्कों से बचते हुए नजर आईं। दूसरे राउंड में हमोरी के चेहरे पर खलीफ़ ने जोरदार मुक्का मारा जिससे उसका आत्मविश्वास डगमगा गया।
रोजाना खेलें और जीतें
अल्जीरिया की खलीफ पेरिस ओलंपिक के मुक्केबाजी स्पर्धा में गुरुवार को इटली की प्रतिद्वंद्वी एंजेला कारिनी के मुकाबले के महज 46 सेकेंड बाद हटने से पहले दौर का मुकाबला जीत गईं। कारिनी ने मुकाबला बीच में छोड़कर हटने के बाद कहा कि वह खेलीफ के खिलाफ कोई राजनीतिक भाव भांगिमा नहीं दिखा रही थी। इस मुकाबले से हटने के बाद उनकी नम आंखें सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी और लोगों ने उनके प्रति सहानुभूति दिखाई। खलीफ और लिन ने 2021 में तोक्यो ओलंपिक में भी प्रतिस्पर्धा की थी लेकिन पदक नहीं जीत सके थे।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने शनिवार को कहा कि पेरिस ओलंपिक में मुक्केबाज इमाने खलीफ और लिन यू-टिंग के खिलाफ नफरत की भाषा ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ है।
बाक ने कहा, ”हमारे पास दो मुक्केबाज हैं जो महिलाओं के रूप में पैदा हुए हैं, जिनका पालन-पोषण महिलाओं के रूप में हुआ है, जिनके पास महिला के रूप में पासपोर्ट है और उन्होंने कई वर्षों तक महिलाओं के रूप में प्रतिस्पर्धा की है।”