उत्तर प्रदेश के इटावा में केदारेश्वर मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. इस मंदिर को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बनवा रहे हैं. इस बीच मंदिर की निर्मणाधीन छत पर एक किंग कोबरा सांप निकल आया. फन फैलाए सांप को देखकर काम कर रहे मजदूरों की हालत खराब हो गई. जिसके चलते मंदिर के काम को रोक दिया गया और फौरन वन विभाग की टीम बुलाई गई. टीम ने सांप को रेस्क्यू किया और सुरक्षित स्थान पर छोड़ा, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली.
बता दें कि इटावा का केदारेश्वर मंदिर प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग केदारनाथ मंदिर धाम की तर्ज पर बन रहा है. इसका निर्माण अखिलेश यादव करवा रहे हैं. गुरुवार को केदारेश्वर मंदिर की छत पर एक काला कोबरा सांप निकल आया. जिसकी लंबाई लगभग 4 फीट थी. जैसे ही मजदूरों ने फन फैलाए सांप को देखा उनके होश उड़ गए. उन्होंने मंदिर निर्माण का काम रोक दिया और भाग खड़े हुए.
बाद में व्यवस्थापक नीलेश कुमार ने मंदिर के ऊपर चढ़े कोबरा सांप को रेस्क्यू करवाने के लिए वन विभाग को सूचित किया. सूचना पाकर वन विभाग की टीम की ओर से मौके पर पहुंचे वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी ने सांप को सुरक्षित रेस्क्यू करके उसे प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया.
नीलेश ने बताया कि सांप को देखकर काम करने वाले लेबर डर गए थे. सांप फन फैलाकर फुफकार रहा था. लगभग दो घंटे तक मंदिर निर्माण का काम बंद रहा. जब सांप को पकड़ लिया गया तब सबने राहत की सांस ली. कोई नुकसान नहीं हुआ है. अब कार्य सुचारू रूप से चल रहा है.
वहीं, वन्य जीव विशेषज्ञ और रेस्क्यू करने वाले डॉ आशीष ने बताया कि मुझे फोन आया था कि मंदिर की छत पर स्पेक्टिकल कोबरा पहुंच गया है. उसको देखकर वहां काम करने वाले लोग डर गए थे. सांप की लंबाई चार फीट के करीब थी. वह फीमेल कोबरा थी. नागिन में नीरो टॉक्सिन पॉइजन (जहर) होने से यह बहुत खतरनाक होती है. इसके काटने से मृत्यु हो जाती है. फिलहाल, नागिन को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है और सेफ जगह में छोड़ दिया है.