संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर विशाल ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकाली। किसान ट्रैक्टर ट्रॉली यात्रा लेकर ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट से चलकर जिला मुख्यालय सूरजपुर की तरफ रवाना हुए। जिसमें पुलिस प्रशासन ने बीच रास्ते में किसानों को रोक दिया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। किसानों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नाम ज्ञापन सोपा है। किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉली सहित भारी भीड़ को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी देने के लिए नई कमेटी का गठन किया जाए और इसे जल्द से जल्द अमली जामा पहनाया जाए। भाकियू का कहना है कि यह कानून आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में इसे लागू किया जाना चाहिए। इसके साथ ही केंद्र सरकार से मांग की है की फसलों के उचित लाभकारी मूल्य के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने बताया कि किसान ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रदेश सरकार का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर आकर्षित करना है। शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन के आवाहन पर ग्रेटर नोएडा में किसानों ने तिरंगा यात्रा निकाली। इस किसान मार्च के माध्यम से भारतीय किसान यूनियन ने उत्तर प्रदेश सरकार से उन वादों को याद दिलाने की कोशिश की जो उन्होंने अपने घोषणा पत्र में किए थे और इसके साथ ही किसानों के लिए लंबित मुद्दों को उठाया। इसके साथ ही 10 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम दिया गया है। इसके साथ ही पवन खटाना ने बताया कि किसानों की मांगों को लेकर भाकियू आगे भी लगातार आंदोलन करने के लिए तैयार रहेगी। आज के ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने अधिकारियों को ज्ञापन दे दिया है और जल्द ही मांगों को पूरा करने की मांग की है। किसानों के द्वारा ज्ञापन देने के दौरान पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे।
मेरठ मंडल महासचिव अनित कसाना ने बताया कि देश में एक अलग से किसान आयोग की स्थापना की मांग की गई है ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान प्रभावी ढंग से किया जा सके। उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में गाने के मूल्य में केवल नाम मात्र की वृद्धि पर भारतीय किसान यूनियन ने नाराजगी जताई है। उन्होंने गाने का मूल्य कम से कम ₹400 प्रति क्विंटल करने और बकाया गन्ना के डिजिटल भुगतान की व्यवस्था की मांग की है।
भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में सड़क पर उतरकर ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा के दौरान सूरजपुर कलेक्ट्रेट पहुंच कर प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने अपने 10 सूत्रीय ज्ञापन में मांग की है कि किसानों को मुफ्त बिजली दी जाए। इसके साथ ही छुटटा (लवारिस) पशुओं की समस्या से किसानों को निजात दिलाई जाए। किसानों के लिए विशेष योजनाएं चलाई जाए जिससे उनके स्वास्थ्य और बच्चों को शिक्षा का प्रबंध किया जाए। इसके अलावा कृषि ऋण को ब्याज मुक्त करने, क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर को एक फीसदी काम करने की मांग, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का मुआवजा, किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक व अन्य क्षेत्रों में सब्सिडी की मांग करते हुए 10 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सोपा गया है।