यूपी के बहराइच में आखिरकार चौथा आदमखोर भेड़िया पकड़ में आ ही गया. हरबंस पुरवा थाना के कछार इलाके में कई घंटों से घात लगाए वन विभाग के लोगों ने इस भेड़िये जिंदा पकड़ लिया. भेड़िये के पकड़े जाने के इस पूरे ऑपरेशन के दौरान ‘आजतक’ की टीम मौके पर मौजूद रही. ऐसे में आइए जानते हैं आदमखोर भेड़िये के पकड़े जाने की पूरी कहानी, वह भी आंखों देखी…
आपको बता दें कि बहराइच में जहां खतरनाक भेड़िया पकड़ा गया है, वो घाघरा नदी का कछार और सीतापुर बॉर्डर पर मौजूद हरबंस पुरवा गांव का एरिया है. गांव से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर उत्तर में नदी किनारे बिछाए गए जाल में भेड़िया पकड़ा गया.
‘आजतक’ की टीम भी उस जगह पहुंची जहां खूंखार भेड़िये को पकड़ने के लिए तीन रणनीति अपनाई गई थी. पहले कछार इलाके में जहां पर बीती शाम तीन भेड़िये ड्रोन की नजरों में आए थे, उन्हें लोकेट किया गया और पूरी रात पटाखों के माध्यम से उन्हें एक इलाके में कॉर्नर (जमा) किया गया.
ऐसे पकड़ा गया भेड़िया, जानें पूरी कहानी
तीन तरफ से कछार के इस इलाके में जाल बिछाए गए थे. तकरीबन 200 से ज्यादा वनकर्मी घात लगाकर सुबह से ही लाठियों और अन्य बचाव सामानों के साथ मौजूद थे. साथ ही तीन डॉक्टर, दो डीएफओ, एक रेंज ऑफिसर और करीब दो थानों की पुलिस भी बाहरी घेरे में मौजूद थी.
नदी की तरफ से मौजूद वन विभाग की टीम पटाखे फोड़ती हुए और इन भेडियों को हांकती हुई आगे बढ़ी तो एक भेड़िया वन विभाग के जाल में आ गया. हालांकि, जाल देख वह दूसरी तरफ भागा, लेकिन उस तरफ भी ट्रैकिंग की जा रही थी. उधर भी एक जाल भेड़िये के लिए बनाया गया था. जैसे ही भेड़िया इस जाल में फंसा करीब 50 वनकर्मी उसकी तरफ भागे. उन्होंने उसे कई जालों के भीतर जकड़ लिया और उसे तुरंत बेहोशी के इंजेक्शन से ट्रेंकुलाइज कर दिया.
‘आजतक’ की टीम घात लगाए वन विभाग के फाइनल असाल्ट घेरे के पास पहुंची थी. बेहद मुश्किल रास्तों से होते हुए यह वह स्थान था जहां पर भेडियों का प्राकृतिक इलाका है. टीम ने हर पल इस ऑपरेशन को कवर किया, तब भी जब इस भेड़िये को कछार के इलाके में पकड़ा गया.
जाल फैलाकर, दौड़ाकर, भेड़िये को दबोचा गया. फिर उसे लादकर वापस तकरीबन 3 किलोमीटर पैदल पिंजड़े वाली जगह लाया गया फिर भेड़िये को उसमें डाला गया.
आदमखोर हो चुका है ये भेड़िया
डीएफओ ने बताया कि यह एक स्वस्थ नर भेड़िया है, जो आदमखोर हो चुका है. बीती रात ही उन्होंने इसे स्पॉट कर लिया था. आज सुबह भेड़िया पकड़ा गया. वन विभाग और अन्य सहयोगी टीमों ने बहुत बहादुरी दिखाई. वहीं, भेड़िये को बेहोश करने वाले डॉक्टर ने कहा कि बचे हुए आदमखोरों की तलाश जारी है. 6 भेडियों के परिवार से तीन पहले पकड़े जा चुके थे और आज चौथा पकड़ लिया गया. अभी दो भेडियों की खोज की जा रही है.
मालूम हो कि बहराइच में इन आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए 5 वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी की लगभग 25 टीमें लगी हुई हैं. अब इन आदमखोरों ने अपना दायरा जिले के अन्य क्षेत्रों तक बढ़ा लिया है. जहां बहराइच के डीएफओ इन भेड़ियों की संख्या कुल छह बता रहे हैं तो प्रभावित इलाकों के ग्रामीण इनकी संख्या दो दर्जन बता रहे हैं. आज जिस भेड़ियों को पकड़ा गया है, उसे ट्रेंकुलाइज करने वाले अधिकारियों ने बताया कि इसका डीएनए सैंपल ले लिया गया है और अब टेस्टिंग के बाद ही पता चलेगा कि क्या ये भेड़िया उसी ग्रुप का है, जिसने इन वारदातों को अंजाम दिया है. हालांकि, ऐसा लगता है कि यह भेड़िया उसी ग्रुप का है.
गौरतलब है कि इन गांवों में भेड़ियों की वजह से डर का ऐसा माहौल बना है कि लोग रात-रातभर जागकर गांव का पहरा दे रहे हैं. अपने बच्चों और परिवार को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें अंधेरा होने के बाद घर के बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं. वहीं, गांववालों की हिम्मत बढ़ाने के लिए बहराइच की मेहसी सीट से बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह भी अपने समर्थकों के साथ लाइसेंसी बंदूक लेकर भेड़ियों की खोज में निकले. उनके समर्थकों के पास भी मॉडर्न हथियार थे.