ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने किसानों की आबादी नियमावली लीज बैक के प्रकरणों को सुलझाने के लिए समिति की बैठक लगातार जारी है। आबादी व्यवस्थापन के लिए बनी समिति ने बुधवार को हैबतपुर के लीज बैक प्रकरणों पर सुनवाई की। जिन प्रकरणों में साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए थे उनसे संबंधित किसानों को साक्ष्य जल्द जमा करने के लिए कहा गया है जिससे उनके लीज बैक के मामलों में जल्द सुनवाई हो सके।
दरअसल, जिन किसानों की जमीन का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के द्वारा अधिग्रहण किया जाता है उन किसानों की आबादी की जमीन लीज बैक के रूप में प्राधिकरण के द्वारा किसान को दी जाती है आबादी की लीजबैक के लिए पहले एसीईओ और फिर सीईओ स्तर पर बनी समिति फैसला करती है। प्राधिकरण में काफी दिनों से किसानों के लीज बैक के मामलों पर सुनवाई नहीं हो रही थी जिसके बाद अब एक समिति बनाई गई है यह समिति गांवों के हिसाब से इन मामलों की सुनवाई कर उनका निस्तारण कर रही है।
बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की लीज बैक मामलों की समिति ने हैबतपुर गांव के नए प्रकरणों पर सुनवाई की। जिसमें किसानों के पक्ष को भी सुना और उनसे साक्ष्य प्राप्त किए। किसानों को अधिग्रहण के समय 2011 व वर्तमान की सेटेलाइट इमेज भी दिखाई गई। जिन किसानों के पास साक्ष्य उपलब्ध नहीं थे उनको आवेदन पत्र, मूल निवास का साक्ष्य और भूलेख दस्तावेज शीघ्र ही विभाग में जमा करने के लिए कहा गया है।
लीज बैक समिति किसानों के द्वारा दिए गए साक्ष्यों के सुनवाई के आधार पर निर्णय लेगी और अपनी रिपोर्ट बनाकर शीघ्र ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में बनी समिति के सामने पेश करेगी। समिति की संस्तुति के आधार पर बोर्ड के अनुमोदन के बाद किसानों को उनकी जमीन की लीज बैक की जाएगी।
प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन का कहना है कि सीईओ के निर्देश पर किसानों की आबादी प्रकरण सुलझाने के लिए समिति का गठन किया गया है। यह समिति ग्राम वार किसानों के लीज बैंक के मामलों की सुनवाई कर रही है बुधवार को इस समिति के द्वारा हैबतपुर गांव के किसानों के लीजबैक के मामले की सुनवाई की गई वही 19 अप्रैल को यह समिति रिठौडी गांव के लीजबैक के प्रकरणों की सुनवाई करेगी।