वाराणसी. यूपी के वाराणसी में मंगलवार को उस वक्त बवाल हो गया, जब मोहनसराय बैरवन कन्नाडाड़ी मिल्कीचक इलाके में वाराणसी विकास प्राधिकरण टीम के साथ गयी पुलिस ने किसानों की जमीन खाली कराने लगी. इस दौरान किसान नेता के नेतृत्व में ग्रामीणों ने वीडीए और पुलिस की टीम पर पथराव कर दिया. पत्थरबाजी के बाद हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. किसान प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर योजना का विरोध कर रहे हैं. मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे पहुंची भारी संख्या में पुलिस बल के साथ वीडीए की टीम पहुंची. टीम ने पैमाइश कराकर जेसीबी से जमीन पर कब्जे की कार्रवाई शुरू की.
किसानों पर पुलिस ने बरसायी जमकर लाठियां
वीडीए के इस कार्रवाई को देखकर भारी संख्या में किसान पहुंचकर विरोध शुरू कर दिया. किसानों का कहना था कि सरकार सिर्फ उसी जमीन प कब्जा करे जिसका मुआवजा वो दे चुकी है. जिन जमीन का मुआवजा सरकार किसानों को नहीं दी है, उसे जबरदस्ती कब्जा नहीं किया जाए. किसान आज के हिसाब से मुआवजा की मांग कर रहे हैं. इसी बीच कुछ लोगों ने पुलिस प्रशासन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसके बाद बड़ी संख्या में जुटे पुलिस बल ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया. पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों को तितर-बितर कर दिया. इस दौरान पुलिस ने लगभग एक दर्जन किसानों को हिरासत में लिया है. जानकारी के अनुसार पत्थरबाजी और लाठीचार्ज में किसान और पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं.
‘किसानों को घरों से घसीट कर मारा-पीटा गया’
इधर, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा अन्नदाताओं का अपमान करती है. किसानों की उपजाऊ जमीन की जबरन भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है. शासन द्वारा पूर्व में योजना रद्द करने का पत्र जारी किया जा चुका है. इसके बावजूद पूंजीपति कंपनियों को कीमती उपजाऊ जमीन अधिग्रहण कर औने-पौने दामों पर देने के लिए लाठी चलाई जा रही है. कई किसान बुजुर्ग व महिलाएं बुरी तरीके से घायल हुई हैं. किसानों को घरों से घसीट-घसीट कर मारा-पीटा गया है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है. यह कृत्य शर्मनाक है.