नई दिल्ली. आतंकवादी-गैंगस्टर-मादक पदार्थ गठजोड़ पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने पंजाब और हरियाणा पुलिस के साथ बुधवार को ‘ऑपरेशन ध्वस्त’ के तहत नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 324 स्थानों पर छापेमारी की. एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश में दिन भर की छापेमारी के दौरान हथियार और कारतूस, आपत्तिजनक सामग्री और 39 लाख रुपये जब्त किए गए. अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने जहां कुल 129 ठिकानों पर छापे मारे, वहीं पंजाब पुलिस ने 17 जिलों में 143 जगहों पर और हरियाणा पुलिस ने 10 जिलों में 52 ठिकानों पर छापेमारी की. उन्होंने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई सुबह साढ़े पांच बजे एक साथ शुरू की गई.
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने चंडीगढ़ में कहा कि पंजाब पुलिस और एनआईए ने बुधवार को राज्य भर में कुख्यात अपराधियों और असामाजिक तत्वों के ठिकानों पर छापेमारी की. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया गया. एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, ‘ऑपरेशन ध्वस्त के तहत की गई छापेमारी के दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है.’ उन्होंने बताया कि छापों का मकसद घोषित आतंकवादी अर्श दल्ला और लॉरेंस बिश्नोई, छेनू पहलवान, दीपक तीतर, भूपी राणा, विकास लगरपुरिया, आशीष चौधरी, गुरप्रीत सेखों, दिलप्रीत बाबा, हरसिमरत सिम्मा तथा अनुराधा जैसे खूंखार गैंगस्टर के आतंकी गठजोड़ को तोड़ना था.
प्रवक्ता ने कहा, “आज की गई छापेमारी हथियार आपूर्तिकर्ताओं, वित्तपोषकों, साजो सामान मुहैया कराने वालों और हवाला ऑपरेटर पर केंद्रित थी जो खूंखकार गिरोह से जुड़े हैं. ये गिरोह पाकिस्तान और कनाडा जैसे अन्य देशों में बैठे मादक पदार्थ तस्करों और आतंकवादियों के साथ काम कर रहे हैं.” अधिकारी ने बताया कि छापेमारी दलों ने गोलियां (कारतूस और कारतूस के खोखे, दोनों), 60 मोबाइल फोन, पांच डीवीआर, 20 सिम कार्ड, एक हार्ड डिस्क, एक पेन ड्राइव, एक डोंगल, एक वाईफाई राउटर, एक डिजिटल घड़ी, दो मेमोरी कार्ड, 75 दस्तावेज़ और 39.60 लाख रुपये से अधिक की नकदी जब्त की है.
एनआईए ने पिछले साल लक्षित हत्याओं, खालिस्तान समर्थक संगठनों की ओर से आतंकवाद का वित्तपोषण और जबरन वसूली से संबंधित साज़िश को लेकर तीन मामले दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू की थी और इस कड़ी में आज की छापेमारी छठी कार्रवाई है. इनमें पिछले साल महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अम्बिया की सनसनीखेज हत्या का मामला भी शामिल है. प्रवक्ता ने कहा कि जांच से पता चला है कि विभिन्न राज्यों की जेलों में साजिश रची जा रही थी और विदेश में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा इसे अंजाम दिया जा रहा था.
अधिकारी ने कहा कि कई जेल घातक गठजोड़ और ‘गैंगवार’ का केंद्र बन गई हैं और इस वजह से हाल में गोइंदवाल जेल और तिहाड़ जेल के अंदर हिंसा और हत्या की घटनाएं हुईं जिसके बाद इन गिरोह पर करीब से निगाह रखी जाने लगी. प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने पाया है कि भारत में गिरोह चला रहे अपराधी पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए थे. अधिकारी ने कहा कि वहां से वे भारत भर की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर गंभीर अपराधों की योजना बनाने में लगे थे.
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, “ ये समूह लक्षित हत्याएं कर रहे थे और मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी, हवाला और जबरन वसूली के जरिए धन जुटा रहे थे.” एजेंसी ने पहले 231 स्थानों पर छापे मारे थे और चार घातक हथियारों सहित 38 हथियार और 1,129 कारतूस जब्त किए थे. वहीं, पंजाब के डीजीपी यादव ने कहा कि पंजाब पुलिस की कम से कम 125 टीम में 1,200 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे.
डीजीपी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को व्यक्तिगत रूप से छापेमारी की निगरानी करने का निर्देश दिया गया था. यादव ने कहा कि हाल में गिरफ्तार किए गए विभिन्न गैंगस्टर और अपराधियों से पूछताछ के बाद छापेमारी की योजना बनाई गई थी. उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. पंजाब के विशेष डीजीपी (कानून व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने कहा कि पुलिस दलों ने गहन तलाशी ली और मोबाइल फोन तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से डेटा एकत्र किया, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा.