उत्तर प्रदेश के एटा के चर्चित सपा नेता पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सपा नेता जुगेंद्र सिंह की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ अदालत ने जुगेंद्र की जमानत याचिका खारिज कर दी। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने रामेश्वर सिंह की करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर दी।
छटीकरा में बेटे के नाम दर्ज थी जमीन
पूर्व सपा विधायक रामेश्वर यादव व जुगेंद्र सिंह यादव के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। मथुरा जिला प्रशासन ने जैंत थाना क्षेत्र अंतर्गत छटीकरा गांव में वैष्णों देवी धाम मंदिर के पीछे इनकी करीब 15 करोड़ की 0.61 हेक्टेयर जमीन कुर्क कर दी है। यह जमीन रामेश्वर यादव के पुत्र सुबोध यादव के नाम थी।
भाई की जमानत याचिका भी खारिज
इसके अलावा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सपा नेता जुगेंद्र सिंह की जमानत अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया। मलावन थाना क्षेत्र के गांव आसपुर के एक पट्टेदार को धान मिल स्थित फार्म हाउस में बुलाकर जबरन कागजों पर हस्ताक्षर करा लेने व जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए मारपीट करने का आरोप है।
भूखंड को पाने को दबाव डालते रहे दोनों भाई
विशेष लोक अभियोजक सुनील भारद्वाज व प्रभात चौहान ने बताया कि मलावन थाने में आसपुर स्थित भूखंड के पट्टेदार गीतम सिंह ने अभियोग पंजीकृत कराया। इसमें बताया कि उसके पिता से जुगेंद्र सिंह यादव व उनके भाई पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव उक्त भूखंड को पाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। पिता की मृत्यु के बाद जब जमीन गीतम सिंह के नाम आई तो उस पर जमीन के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया।
अपमानित करते हुए मारपीट की
दो जून 2021 को धान मिल पर बुलाकर गीतम सिंह से आरोपियों ने कागजातों पर दस्तखत करा लिए। जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए मारपीट की। अदालत में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट ने जुगेंद्र सिंह यादव की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
इसी कड़ी में अदालत ने जैथरा कस्बा के मोहल्ला गांधीनगर निवासी रामेश्वर दयाल को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने और बंधक बनाकर जमीन का बैनामा कराने के मामले में भी जुगेंद्र सिंह की जमानत अर्जी निरस्त कर दी।