दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को सीमित राहत दी है. कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया लेकिन बीमार पत्नी से मिलने की मोहलत मिल गई है. अदालत ने, हालांकि, सिसोदिया को सुविधाजनक दिन पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दे दी है.
कोर्ट ने कही ये बात
सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया की सेहत को लेकर एलएनजेपी की रिपोर्ट के बाद, कोर्ट ने कहा कि सीमा को बेहतरीन इलाज दिलाने के लिए एआईआईएमएस के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम जांच कर रिपोर्ट दे. कोर्ट ने अपने फैसले में जहा कि सिसोदिया के खिलाफ आरोप गंभीर है, लिहाजा उनको अभी अंतरिम जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है.
पुलिस की मौजूदगी में सिसोदिया पत्नी सीमा सिसोदिया से सुबह दस बजे से शाम पांच बजे के बीच मुलाकात कर सकेंगे. कोर्ट ने सिसोदिया की छह हफ्ते की अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर यह फैसला सुनाया.
ईडी की दलील
प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत अर्जी के खिलाफ पिछले हफ्ते दलील देते हुए कहा था कि जब उन्होंने पहली बार अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी उस समय और अभी की अंतरिम जमानत की अर्जी के समय उनकी पत्नी की हालत में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. उनकी पत्नी दो दशक से इस बीमारी से पीड़ित है. ऐसे में अगर छह हफ्ते के लिए सिसोदिया को अंतरिम जमानत पर रिहा किया भी जाता है तो उससे बहुत ज़्यादा असर नहीं होगा. इतना ही नहीं, उनके पास PWD, शिक्षा, आबकारी, फाइनेंस, विजिलेंस, बिजली, स्वास्थ्य और गृह समेत 18 पोर्टफोलियो थे. ऐसे में वह पत्नी के एक मात्र देख भाल करने वाले नहीं हो सकते हैं.
जबकि मनीष सिसोदिया के वकील ने ED की दलील का विरोध करते हुए कहा कि सिसोदिया अपनी पत्नी की देखभाल करने वाले अकेले हैं. उनका इकलौता बेटा विदेश में पढ़ रहा है. उन्होंने ED के इस तर्क का भी विरोध किया कि उसके पास 18 पोर्टफोलियो हैं तो क्या इसका मतलब यह नहीं हुआ वह पत्नी के केयरटेकर नहीं थे?