दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज मनीष सिसोदिया को याद कर भावुक हो गए. केजरीवाल एक शैक्षणिक संस्थान के उद्घाटन के मौके पर पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम को याद करते हुए रो पड़े. बता दें कि मनीष सिसोदिया दिल्ली की आबकारी मामले नीति मामले में जेल में बंद हैं. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसौदिया को इतने दिनों से जेल में रखा है उनको दिक्कत हो गई. बीजेपी वालों को सिसोदिया के काम से तकलीफ हो गई थी और उनको जेल में डाल दिया है अगर ये अच्छा काम नहीं कर रहे होते तो जेल में वो नहीं होते. मुझे आशा है वो जल्द बाहर आयेगें. उनके सपने को हमें रूकने नहीं देना है. ये उनका सपना था कि गरीब के बच्चे भी अच्छे से पढ़े.
केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी वालों ने झूठे आरोप लगाकर सिसोदिया को जेल में डाला है. देश में इतने डाकू घूम रहे हैं. उनको न पकड़ रहे हैं. आम आदमी पार्टी का प्रचार हो रहा है क्योंकि मैं पूरे देश में जहां भी जाता हूं तो यही बात होती है कि आपके स्कूल बहुत अच्छे बन गए हैं जल्दी वो बाहर आयेगें
#WATCH | Delhi CM Arvind Kejriwal gets emotional, as he remembers former education minister Manish Sisodia and his work in the area of education, at the inauguration of an educational institution pic.twitter.com/BDGSSbmpbq
— ANI (@ANI) June 7, 2023
केजरीवाल ने कहा कि सिसोदिया अच्छे इंसान हैं. उन्होंने दिल्ली के लोगों के बच्चों के लिए अच्छा काम किया. उनकी वजह से गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है. बीजेपी वाले नहीं चाहते दिल्ली के लोगों को अच्छी शिक्षा मिले. केजरीवाल ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं एक ही बात होती है दिल्ली में स्कूल बहुत अच्छे हो गए हैं.पढ़ाई अच्छी हो रही है. मनीष सिसोदिया अगर शिक्षा पर काम नहीं करते तो उनको जेल नहीं होती, हमे उनके काम को नही रुकने देना है, वह जल्दी बाहर आएंगे और इस यात्रा को आगे बढ़ाएंगे जब तक वह अंदर हैं हमें शिक्षा की ओर दुगनी स्पीड रखनी है. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आप लोग सब आगे बढ़ कर तरक्की करें और देश का नाम रोशन करे.
बता दें कि दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पिछले कई महीने से जेल में बंद हैं. दिल्ली आबकारी नीति मामले में उन्हें ईडी और सीबीआई ने गिरफ्तार किया हुआ है. अभी हाल में ही दिल्ली हाई कोर्ट ने सिसोदिया को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था.