उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सेना में भर्ती के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करने तथा अन्य तरीके से भर्ती प्रक्रिया की शुचिता भंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर एक भगोड़े सैनिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के सूत्रों ने रविवार को बताया कि सूचना मिलने पर स्पेशल टास्क फोर्स ने भगोड़े सैनिक पवन राज और एक डिफेंस एकेडमी के प्रबंधक सतीश यादव को शनिवार को लखनऊ के बिजनौर क्षेत्र में गिरफ्तार कर लिया तथा उनके कब्जे से फर्जी शपथ पत्र, प्रवेश पत्र और दो आधार कार्ड समेत कई कागजात बरामद हुए हैं.
उन्होंने बताया कि जनवरी 2020 में एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस की संयुक्त कार्यवाही में दो सैनिकों द्वारा भारतीय सेना में शारीरिक दक्षता पास अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर धन उगाही करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया था. उन्होंने बताया कि बाद में इन सैनिकों का कोर्ट मार्शल कर दिया गया था, इनके गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के बारे में भी एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस लगातार जानकारी जुटा रही थी.
सूत्रों ने बताया कि पड़ताल के दौरान यह मालूम हुआ कि लखनऊ के बिजनौर क्षेत्र स्थित मिशन डिफेंस एकेडमी का प्रबंधक सतीश यादव किसी सैनिक के साथ मिलकर भारतीय सेना में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को मेडिकल टेस्ट पास करवाने और फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर बड़े पैमाने पर धन उगाही कर रहा है. इस सैनिक के बारे में मिलिट्री इन्टेलिजेन्स के साथ जानकारी साझा करने पर पता चला कि वर्ष-2020 में हुई फर्जी भर्ती प्रक्रिया की कोर्ट आफ इनक्वाइरी में पवनराज नामक सैनिक का नाम सामने आया था.
गिरफ्तार किए गए पवन राज ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया है कि वर्ष-2017 में आर्मी मेडिकल कोर लखनऊ में पोस्टिंग के दौरान बाला और सूर्यवंशी से उसकी मुलाकात हुयी थी. वह उनके गिरोह में शामिल हो गया और मेडिकल टेस्ट में निकाले गए सैकड़ों अभ्यर्थियों को पास करा कर करोड़ों रुपए हासिल किए पकड़े जाने पर सूर्यवंशी और बाला कोर्ट मार्शल के बाद जेल चले गए थे, उसके बाद वह मिशन डिफेंस एकेडमी के प्रबंधक सतीश यादव और उसके साथियों के संपर्क में आया. सूत्रों ने बताया कि पवन राज एकेडमी के माध्यम से सैकड़ो अभ्यर्थियो से संपर्क करके हर अभ्यर्थी से 4-5 लाख रुपए लेता था. पकड़े गए दोनों लोगों के खिलाफ बिजनौर थाने में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है.