ग्रेटर नोएडा। जनपद दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन ने पुलिस कमिश्नर के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई। डीसीपी कार्यालय राम बदन सिंह को पुलिस कमिश्नर गौतम बुद्ध नगर के नाम का अधिवक्ताओ ने ज्ञापन सौंपा।
दरअसल ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में मंगलवार को जन सुनवाई के दौरान रुपेश वर्मा किसानों के साथ प्राधिकरण पहुंचे जहां पर अधिकारियों से मिलने को लेकर रुपेश वर्मा सहित किसानों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प हो गई जिसके बाद सुरक्षाकर्मी नरेंद्र ने सूरजपुर कोतवाली में रूपेश वर्मा सहित 25 किसानों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा वह धक्का-मुक्की सहित अधिकारियों से अभद्रता करने के आरोप में पुलिस से शिकायत की शिकायत के आधार पर पुलिस ने किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
वही किसान नेता डॉ रुपेश वर्मा ने बताया कि किसानों की समस्याओं को लेकर मंगलवार को प्राधिकरण के जनसुनवाई कार्यक्रम में गए थे जहां पर सुरक्षाकर्मी ने किसानों को अंदर जाने से रोका। किसानों का प्रतिनिधिमंडल अंदर पहुंचा और अधिकारियों से किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए कहा प्राधिकरण के अधिकारियों ने सुरक्षाकर्मी नरेंद्र की तहरीर पर किसानों पर ही मुकदमे दर्ज करा दिए।
डॉक्टर रुपेश वर्मा एडवोकेट के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर जिला बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर के नाम का ज्ञापन डीसीपी राम बदन सिंह को सौंपा। इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कालूराम चौधरी ने कहा कि पुलिस द्वारा एसोसिएशन के अध्यक्ष को बिना सूचना दिए ही एक वकील पर मामला दर्ज करने के मामले में वकीलों में रोष है उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के स्तर पर जन समस्याओं को लेकर बात रखना भी प्राधिकरण की नजर में अपराध की श्रेणी में आ गया है और पुलिस आंख बंद कर प्राधिकरण के कहने पर कार्रवाई करती है।
बार एसोसिएशन के सचिव नीरज तंवर ने पुलिस कमिश्नर को डॉ रुपेश वर्मा के विरुद्ध एफआईआर को रद्द करने की मांग की । बार के पूर्व अध्यक्ष परमेंद्र भाटी ने कहा कि प्राधिकरण अपने भ्रष्टाचार के मकसद से पुलिस का इस्तेमाल करता है एवं जो भी सामाजिक कार्यकर्ता अथवा वकील प्राधिकरण के भ्रष्टाचार किसानों पर हो गए अन्याय का विरोध करता है उसकी आवाज को दबाने के मकसद से एफ आई आर दर्ज कराता है। इस बात को लेकर बार के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने रोष जताते हुए कहा कि संविधान प्रदत्त मूल अधिकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दबाने का प्रयास प्राधिकरण एवं पुलिस की तरफ से किया गया है।
इस मौके पर उपस्थित अधिवक्ताओं में प्रमुख रूप से रेशराम चौधरी, उदयवीर भाटी, अजय चौधरी, अजीत भाटी, जगतपाल भाटी, मांगेराम भाटी, अनिल भाटी, कॉमरेड मुफ्ती हैदर, विनोद भाटी, नीरज भाटी, गजेंद्र खारी, महेश गुप्ता, उमेश भाटी, देवपाल अवाना, रिंकू भाटी, अजीत नागर जुनेदपुर, पवन भाटी, रजनीश यादव, कुलदीप भाटी, दिनेश नागर, जयदीप अंबावता, उधम सिंह, उमेश भाटी ओर एडवोकेटस प्रतिनिधिमंडल उपस्थित रहे।