संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में पुलिस की प्रताड़ना से परेशान एक महिला ने बीते मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। महिला के परिजनों ने शव को दनकौर कोतवाली में रखकर हंगामा किया था और प्रताड़ित करने वाले दरोगा को निलंबित करने की मांग की थी। हंगामे के दौरान मौके पर पहुंचे पुलिस के अधिकारियों ने कार्यवाही का आश्वासन दिया जिसके बाद पीड़ित परिवार ने महिला के शव का अंतिम संस्कार किया वही अब शुक्रवार को अधिकारियों ने कार्यवाही करते हुए महिला को प्रताड़ित करने वाले दरोगा को निलंबित कर दिया है।
दरअसल, दनकौर कोतवाली में मृतक महिला के खिलाफ उसके रिश्तेदारों ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया था। उसकी एवज में मृतक महिला से जांच रोकने के नाम पर दरोगा ने महिला को प्रताड़ित करते हुए ₹500000 की डिमांड की। जिसके बाद महिला ने अपने जेवरात गिरवी रखकर ₹200000 आरोपी दरोगा को दे दिए। इसके बाद भी दरोगा महिला को प्रताड़ित करते हुए तीन लाख की मांग कर रहा था। पुलिस की प्रताड़ना से परेशान महिला ने बीते मंगलवार को आत्महत्या कर ली थी। बुधवार को महिला के शव को कोतवाली में रखकर परिजनों ने हंगामा किया था पुलिस ने जांच करते हुए शुक्रवार को मृतक महिला को प्रताड़ित करने वाले दरोगा को सस्पेंड कर दिया।
दनकौर कोतवाली में मृतक मोनी देवी के खिलाफ उसके रिश्तेदार मीनू ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया था मीनू ने मोनी और उसके पति विपिन समेत चार लोगों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। अदालत के आदेश पर पोक्सो एक्ट की धाराओं में यह मामला दर्ज हुआ था जिसकी विवेचना दनकौर कोतवाली के उपनिरीक्षक दरोगा राम भजन सिंह कर रहे थे।
मृतक मोनी के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि मामले की जांच कर रहे दरोगा राम भजन सिंह ने मोनी को प्रताड़ित करते हुए जांच के नाम पर ₹500000 की मांग की। जिसमें से मृतक मोनी ने ₹200000 दरोगा को रिश्वत के रूप में दे दिए इसके बाद भी आरोपी दरोगा मृतिका के पति व उस पर और ₹300000 का दबाव बना रहा था। आरोपी दरोगा की प्रताड़ना से परेशान होकर मोनी ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमार्टम होने के बाद जब मोनी के परिजन शव को लेकर दनकौर पहुँच जिसके बाद उन्होंने कोतवाली में शव को रखकर हंगामा शुरू कर दिया और आरोपी दरोगा पर कार्यवाही की मांग की। मौके पर पहुचे पुलिस के आला अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया जिसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया था।
शुक्रवार को पुलिस के आला अधिकारियों ने मामले में दोषी दरोगा राम भजन सिंह को सस्पेंड कर दिया है वही पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच भी की जा रही है अगर कोई और भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।