नई दिल्ली: पिछले 3 महीनों से जातीय हिंसा की मार झेल रहा मणिपुर (Manipur) के लिए अच्छी खबर आई है. दरअसल, भारतीय सेना (Indian Army) मणिपुर के सीमावर्ती शहर से म्यांमार गए 212 भारतीयों को सुरक्षित वापस ले आई है, इसके लिए मणिपुर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (N. Biren Singh) भारतीय सेना का शुक्रिया अदा किया है.
सीएम ने शुक्रवार को एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने पर मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह से पड़ोसी देश म्यांमार भाग गए 200 से अधिक भारतीय सुरक्षित घर लौट आए हैं.
भारतीयों (सभी मैतेई समुदाय) को सुरक्षित घर लाने के लिए सीएम ने भारतीय सेना को धन्यवाद किया है. उन्होनें एक्स पर ट्वीट कर कहा, “इन लोगों को घर लाने के लिए भारतीय सेना का बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार. जीओसी पूर्वी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, जीओसी 3 कॉर्प, लेफ्टिनेंट जनरल एचएस साही और 5 एआर के सीओ, कर्नल राहुल जैन का बहुत शुक्रिया.
उन्होंने कहा कि जो 212 भारतीय नागरिक 3 मई को मणिपुर के मोरेह शहर में अशांति के बाद म्यांमार चले गए थे, अब सुरक्षित रूप से भारतीय धरती पर वापस आ गए हैं. बता दें मणिपुर की राजधानी इम्फाल से लगभग 110 किमी दूर स्थित मोरेह हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक था. मोरेह में कुकी, मैतेई और यहां तक कि तमिलों की मिश्रित आबादी रहती है. यहां अन्य समुदाय के भी लोग हैं. मुख्यमंत्री ने साथ ही ये भी कहा कि जातीय-संघर्ष से ग्रस्त राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
मणिपुर में क्यों भड़की थी हिंसा?
गौरतलब है कि मणिपुर में बीते 3 महीनों से हिंसा जारी है हालांकि अब राज्य में हालात धीरे-धीरे शांत होते जा रहे हैं. मणिपुर में हालात संभालने के लिए केंद्र सरकार ने अलग-अलग जिलों में 60 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर रखा है. बता दें 3 मई 2023, को मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में आयोजित की गई आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई थी. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और सैंकड़ों लोग बेघर हो गए हैं.