कानपुर में रविवार को देवकीनंदन ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है। कहा,” 1670 में औरंगजेब ने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को तोड़ा था और वहां की मूर्तियों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में लगवा दिया था। आगरा की जामा मस्जिद कि सीढ़ियों से लेकर द्वारा तक ज्ञानवापी की तरह कोर्ट से जांच कराए जाने की प्रार्थना है। सीढ़ियों में अगर हमारे छवि नहीं निकलते हैं, तो क्षति होने वाला नुकसान की भरपाई हम करेंगे। कोई भी सनातनी भगवान का अपमान नहीं सह सकता इसलिए हम भी अपमान नहीं सहेंगे।”
देवकीनंदन ठाकुर शिव महापुराण कथा सुनाने के लिए कानपुर के मोतीझील ग्राउंड पहुंचे हुए हैं। 20 अगस्त से शुरू हुई शिव महापुराण 7 दिनों तक चलेगी।
‘ज्ञानवापी मामले में ये शब्द ही प्रमाण है’
उन्होंने कहा,”यह बात हम नहीं कह रहे हैं, मुस्लिम इतिहासकार ने खुद लिखा है। इसके अलावा कई इतिहास की किताबें में भी इसका जिक्र है। जिसका प्रमाण मजार ए आलम ने अपनी किताब में भी किया है।”
उन्होंने कहा,”हम भाईचारे की बात करना चाहते हैं, लेकिन अपने भगवान का अपमान नहीं दे सकते। कोई भी सनातनी अपमान नहीं सहेगा। सीढ़ियों की जांच कराई जाए अगर केशव देव जी की मूर्ति निकलती है, तो हमें सौंप दें। होने वाला सारा नुकसान हम देंगे। जो राम का नहीं वो हमारे किसी काम का नहीं। ज्ञानवापी मामले में ये शब्द ही प्रमाण है शिव का, कोई भी ढूंढ कर लाए कि इस्लाम में कहां ज्ञानवापी शब्द का जिक्र किया गया हैं।”