जफराबाद: जलालपुर थाना क्षेत्र के बीघही जमालपुर गांव की दलित बस्ती में युवा दंपती ने किसी बात से आहत होकर सोमवार की रात एक ही साड़ी के सहारे एक साथ फांसी लगा ली। दोनों की मौत से अलग रह रही मां व छोटे भाई समेत अन्य सदस्यों में कोहराम मच गया। सूचना पहुंची पुलिस ने पेशे से राजगीर व उसकी पत्नी की लाश को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया। सीओ केराकत गौरव शर्मा की मानें तो घरेलू कलह के चलते दोनों फांसी लगाकर जान दी है। समूह से लिए गए लोन का भी दबाव काफी था।
जानकारी के अनुसार जमालपर गांव निवासी 30 वर्षीय रमेश कुमार पुत्र स्वर्गीय लालबहादुर राजगीर था। उसकी शादी आठ वर्ष पूर्व दानगंज वाराणसी में मोनी 27 वर्ष के साथ हुई थी। रमेश अपने तीन भाइयों में बड़ा था। वह अपनी पत्नी मोनी तथा अपनी दो पुत्रियों अनन्या तीन वर्ष तथा प्रियांशी एक वर्ष के साथ अलग रहता था। रमेश का दूसरे नम्बर का भाई दिनेश कुमार अपनी पत्नी के साथ कही बाहर रहकर रोजी रोटी कमाता है। सबसे छोटा भाई जयहिंद उर्फ छोटू अपनी बूढ़ी मां राजकुमारी तथा दो छोटी बहनों के साथ अलग रहता है।
बहन सुनीता ने बताया कि रमेश व उसकी पत्नी तथा बच्चे प्रतिदिन 10 बजे के बाद ही सोकर उठते थे। उन लोगों का परिवार के लोगों से कोई मतलब नहीं रहता था। मंगलवार की सुबह रमेश की बड़ी लड़की अनन्या रोते हुए कमरे से बाहर निकली। सुनीता बूआ होने के कारण ममतावश उसके पास चली गयी। तभी उसकी नजर कमरे में पड़ी। छत की पाइप से साड़ी के फंदे से भैया व भाभी दोनों लटके हुए थे। उसने यह देख कर शोर मचाया। शोर सुनते अगल बगल के लोग पहुंच गए। घटना की जानकारी प्रधान जंगबहादुर यादव को दी गयी। उनकी सूचना पर थाना प्रभारी रामसरीख गौतम मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दोनों की लाश उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया मामला पारिवारिक कलह का लगता है। हालांकि मृतकों के मोबाइल को कब्जे में लिया गया है। उसकी जांच भी की जाएगी। उधर घटना की जानकारी होने पर अपर पुलिस अधीक्षक नगर बृजेश कुमार भी मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि उसने समूह से तीन लाख दो हजार 361 रुपये लोन लिया था।उसमें उसने एक लाख 17 हजार 871 रुपये जमा भी कर दिया था।अभी एक लाख 84 हजार 490 रुपये अभी उस ओर बाकी था।