दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन को छोड़कर दिल्ली मेट्रो के सभी गेट खुले रहेंगे। दिल्ली पुलिस ने 2 सितंबर को जारी किया आदेश वापस ले लिया है। दरअसल, दिल्ली में 8-10 सितंबर के बीच G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने चाक चौबंद तैयारियां की हैं। G20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने राजधानी में 39 मेट्रो स्टेशन को बंद रखने का निर्णय लिया था।
दिल्ली पुलिस ने अपने आदेश में कहा है, “दिल्ली पुलिस ने अपना 2 सितंबर का आदेश वापस ले लिया है जिसमें कहा गया था कि वीवीआईपी मार्ग/समिट स्थल की ओर खुलने वाले कुछ मेट्रो स्टेशन के गेट 8 से 10 सितंबर तक बंद रहेंगे। दिल्ली पुलिस के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट स्टेशन को छोड़कर सभी स्टेशनों पर ट्रेन सेवाएं उपलब्ध रहेंगी, जहां सेवाएं प्रभावित होंगी।“
पहले आदेश में क्या कहा गया था?
पुलिस और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के बीच हुए आधिकारिक संवाद के अनुसार, जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता करने के लिए खान मार्केट के तीन, मोती बाग के दो और आईटीओ मेट्रो स्टेशन के पांच दरवाजे समेत 20 से अधिक मेट्रो स्टेशनों के दरवाजों को बंद करना ‘आवश्यक’ है। पुलिस द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है, ”जैसा कि आपको पता है कि जी20 शिखर सम्मेलन जल्दी ही होने वाला है और हम सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
आगामी शिखर सम्मेलन के दौरान अचूक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वीवीआईपी मार्गों, शिखर सम्मेलन स्थल, अतिथियों के ठहरने के स्थानों की ओर खुलने वाले मेट्रो स्टेशनों के गेट आठ से 10 सितंबर तक बंद रहें।” इसमें यह भी बताया गया है कि यदि किसी पुलिस उपायुक्त या पुलिस मुख्यालय से गेट बंद करने का कोई अनुरोध प्राप्त होता है या परिस्थितिवश ऐसा होता है तो डीएमआरसी को तुरंत सूचित किया जाएगा।
समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत दिल्ली में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है जिसमें 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और यूरोपीय संघ तथा आमंत्रित देशों के शीर्ष अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 14 प्रमुखों के शामिल होने की संभावना है। जी20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।