एक देश-एक चुनाव के लिए केंद्र सरकार की तरफ से गठित की गई कमेटी की आज पहली बैठक होगी। सूत्रों ने बताया कि यह मीटिंग पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली में उनके आवास पर होने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाले हैं। यह समिति इस मुद्दे पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को कोविंद से मुलाकात की थी और जानना चाहा था कि वह समिति के साथ एजेंडे पर किस तरह से आगे बढ़ेंगे।
समिति में शामिल है ये नेता
केंद्रीय कानून मंत्रालय ने शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति में आठ सदस्यों को नामित किया, जो लोकसभा, विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव के मुद्दे की जांच करेगी। इस समिति में अध्यक्ष के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, सुभाष सी कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल होंगे। हालांकि अधीर रंजन चौधरी ने इस पैनल में काम करने से इंकार कर दिया है। समिति का गठन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले किया गया है।
पीएम मोदी कई बार रख चुके हैं विचार
पीएम मोदी कई बार एक राष्ट्र, एक चुनाव का विचार रख चुके हैं। नवंबर 2020 में पीठासीन अधिकारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव न केवल बहस का विषय है बल्कि भारत के लिए एक आवश्यकता है। भारत में हर महीने चुनाव होता है, जिससे विकास बाधित होता है। देश को इतना पैसा क्यों बर्बाद करना चाहिए?” यदि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू होता है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि पूरे भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे।