श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास ने कहा है कि वो आगरा में ताज महल को लेकर केस दायर करेगा. रविवार को आगरा पहुंचे न्यास के अध्यक्ष और अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि ताज महल को लेकर न्यास की ओर से केस दायर किया जाएगा. उन्होंने योगी यूथ ब्रिगेड के सदस्यों के साथ बैठक करने के बाद कहा कि जन जागरूकता अभियान आगे भी जारी रहेगा.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही जामा मस्जिद से जुड़ा मामला पहले से ही अदालत में लंबित है. आगरा के ताज महल में हमेशा से बंद पड़े कुछ कमरों को खोलने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. पिछले साल अक्टूबर में मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था यह पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नहीं बल्कि पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन है. मतलब यह याचिका केवल चर्चाओं में आने के लिए दायर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका बीजेपी की अयोध्या इकाई के नेता रजनीश सिंह की ओर से दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले रजनीश इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की थी, लेकिन वहां से भी कुछ हासिल नहीं हुआ था. उन्होंने कोर्ट से ताज महल के बंद पड़े 22 कमरों को खोलने की मांग की थी.
नया नहीं है ताज महल को लेकर विवाद
दरअसल, ताज महल को लेकर विवाद कोई नया नहीं है. सालों से हिंदू संगठन यह दावा करते आ रहे हैं कि यह पहले शिव मंदिर था और इसे ‘तेजो महल’ के नाम से जाना जाता था. हिंदू संगठन इसके लिए एक किताब में लिखी बातों का हवाला देते रहे जो कि मराठी में लिखी है. किताब के लेकर पीएन ओक हैं जिन्होंने ‘ताज महल-द ट्रू स्टोरी’ में इस बात का दावा किया है कि ताज महल पहले शिव मंदिर था.