संचार न्यूज़। वेयरहाउस से लाखों का सामान चोरी कर बेचने वाले चार साथी चोरों को दादरी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चोरों के पास से पुलिस ने चोरी किए गए वनप्लस बड्स जेड 2 (ONE PLUS BUDS Z2) व वन प्लस बुलेट्स वायरलेस जेड 2 (ONE PLUS BULLETS WIRELESS Z2) सहित 15 लाख रुपए नगद और एक क्रेटा गाड़ी को बरामद किया है।
दरअसल, दादरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत वन प्लस के वेयरहाउस से 16 सितंबर को इलेक्ट्रॉनिक का सामान चोरी हो गया था। जिसको लेकर पीड़ित ने दादरी पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि वनप्लस बुलेट्स वायरलेस जेड बॉस एडिशन (बोल्ड ब्लैक) 3118 पीस अज्ञात चोरों के द्वारा चोरी कर लिए गए है। शिकायत के आधार पर दादरी पुलिस ने मामला दर्ज किया और अज्ञात चोरों की तलाश के लिए टीम में गठित कर दी।
दादरी थाना प्रभारी सुजीत उपाध्याय ने बताया कि पुलिस के द्वारा कार्यवाही करते हुए चार शातिर चोरों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें जहानाबाद निवासी अजीत कुमार, बिहार के जिला बक्सर निवासी पिंटू कुमार, बुलन्दशहर निवासी अख्तर और हापुड़ निवासी नितिन शर्मा को एलजी वेयरहाउस के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से चोरी के 35 पीस वनप्लस बड्स जेड 2, 140 पीस वनप्लस बुलेट्स वॉयरलैस Z2 15 लख रुपए नगद और एक क्रेटा कर को पुलिस ने बरामद किया है।
पुलिस पूछताछ में आरोपी नितिन शर्मा ने बताया कि यह जो हमारे पास से नगद बरामद रुपए हुए हैं यह हमें वनप्लस बर्ड्स Z2 व वनप्लस बुलेट्स वॉयरलैस Z2 बेचने के बाद प्राप्त हुए थे जो हमने आपस में बराबर बांट लिए थे। वहीं आरोपी अजीत ने बताया कि वह एनथाई कंपनी वेयरहाउस में असिस्टेंट मैनेजर था हमारी कंपनी का वेयरहाउस डबरा गांव स्थित बेनेट यूनिवर्सिटी के पीछे था। जिसकी शिफ्टिंग लुक्सर गांव के पास बने वेयरहाउस में होनी थी तो वेयरहाउस में स्क्रैप लेने आने वाले पिंटू कुमार गुप्ता के साथ योजना बनाकर स्क्रैप में कंपनी के समान को पिंटू कुमार गुप्ता की गाड़ी में लोड कर देता था। पिंटू उसे सामान को अपने जानने वाले अख्तर के साथ मिलकर बॉक्स में से कुछ सामान निकाल कर उसे बॉक्स को पुनः वेयरहाउस में भेज देता था जिसे वह सील कर देता था। शुक्रवार को सभी लोग पहले बेचे गए माल के रुपयों आपस में बटवारा करने और शेष माल को अख्तर को देने के लिए इकट्ठा हुए थे। इसके साथ ही आरोपी ने बताया कि उसने इससे पहले भी वनप्लस कंपनी के कई टीवी भी उन्होंने वेयरहाउस से चोरी से निकलकर कंपनी के ही एक पूर्व कर्मचारी को बेच दी थी। बिक्री के समान से जो पैसा आता था उसको हम तीनों आपस में बराबर बराबर बांट लेते थे।