राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मणिपुर हिंसा के बहाने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की अंतरराष्ट्रीय साजिश में शामिल सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने 19 जुलाई को केस दर्ज किया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मणिपुर हिंसा मामले में आरोपी सेमिनलुन गंगटे को 3 अक्टूबर तक दो दिन की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया है।
भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का था प्लान
एनआईए ने जांच में पाया कि म्यांमार व बांग्लादेश के उग्रवादी गुटों ने विभिन्न जातीय समूहों में दरार पैदा करने के इरादे से भारत के उग्रवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ साजिश रची, जिसमें गंगटे शामिल था। इनका मकसद भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना था। इसके लिए हथियार, गोला-बारूद व आतंकवाद फैलाने के लिए धन मुहैया कराया जा रहा है। हथियार जैसी अन्य सामग्री सीमा पार व उत्तर पूर्वी राज्यों में सक्रिय आतंकी संगठनों से हासिल की जा रही है।
एनआईए ने 23 सितंबर को एक अन्य आरोपी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सक्रिय सदस्य मोइरांगथेम आनंद सिंह को भी गिरफ्तार किया था। आतंकवाद रोधी एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि मामला का स्वत: संज्ञान लेते हुए 19 जुलाई को दर्ज किया गया है और आरोपी को दिल्ली लाया गया है। उन्होंने बताया कि मणिपुर पुलिस ने चुराचांदपुर में गंगटे को गिरफ्तार किया और उसे एनआईए को सौंप दिया।
जातीय हिंसा के जरिए फैलाना चाहता था आतंक
बयान में कहा गया है, ‘मामले की जांच से पता चला है कि म्यांमार और बांग्लादेश स्थित उग्रवादी समूहों ने भारत में उग्रवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ मिलकर विभिन्न जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हिंसा की साजिश रची है।’
प्रवक्ता ने कहा, ‘इस उद्देश्य के लिए आतंकी नेतृत्व हथियार, गोला-बारूद और अन्य प्रकार के आतंकवादी हार्डवेयर खरीदने के लिए धन प्रदान कर रहा है। सीमा पार से और पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठन मणिपुर के मौजूदा जातीय संघर्ष को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं।’ एनआईए ने 22 सितंबर को इस मामले में मणिपुर से मोइरांगथेम आनंद सिंह को गिरफ्तार किया था।