ग्रेटर नोएडा। दनकौर थाने के 2017 के मामले में नाबालिक युवती को बहला-फुसलाकर घर से लेकर फरार हो जाने के आरोपी को दोषी मानते हुए जिला न्यायालय ने 5 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी पर ₹7000 का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर 20 दिन अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अपर सत्र विशेष न्यायाधीश पोक्सो दो चंद्रभान श्रीवास्तव ने सुनवाई के बाद दोषी को सजा सुनाई।
सहायक शासकीय अधिवक्ता जेपी भाटी ने बताया मामला दनकौर थाने के वर्ष 2017 का है जिसमे दनकौर थाने में पीड़ित पिता ने तहरीर देकर बताया कि 3 नवंबर 2017 को वह अपनी 17 वर्षीय नाबालिक युवती को घर पर छोड़ कर काम पर गया था। शाम को जब वह वापस लौटा तो घर से युवती गायब थी। जिसके बाद उन्होंने अपने परिचितों ब रिश्तेदारी में युवती को तलाश किया। कई दिन बीत जाने के बाद भी जब युवती का कोई पता नहीं चला तो 10 नवंबर 2017 को उन्होंने दनकौर थाने में लिखित शिकायत दी शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। जिसके बाद पुलिस ने युवती को आरोपी बुलंदशहर के थाना कोतवाली देहात के गांव पहाड़पुर निवासी रविंदर के पास से बरामद किया।
गांव में फेरी लगाने वाला नाबालिक युवती को लेकर हुआ था फरार
पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया कि रविंदर गांव में कई सालों से फेरी लगाता था पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया। ओर युवती को जिला बुलंदशहर से बरामद कर लिया और पीड़िता युवती को मेडिकल के लिए भेज दिया। पुलिस ने आरोपी रविंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसके बाद पुलिस ने मामले की चार्जसीट जिला न्यायालय में पेश की।
दो अलग-अलग धाराओं में हुई सजा
जिला न्यायालय मे मामले की सुनवाई के दौरान कई गवाह पेश किए गए। इसके साथ ही बचाव व आरोपी पक्ष के अधिवक्ताओं की जिरह सुनने के बाद और सभी गवाहों और सबूतों को देखते हुए अपर सत्र/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो 2 चंद्र मोहन श्रीवास्तव ने आरोपी रविन्द्र को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। न्यायालय ने आरोपी को धारा 363 में 4 वर्ष की सजा व ₹3000 का जुर्माना लगाया वही 366 में 5 वर्ष की सजा और ₹4000 का जुर्माना लगाया। जुर्माने की राशि जमा न करने पर 20 दिन अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी और पूर्व में कारागार में बिताई गई अवधि डंडा देश में समायोजित की जाएगी।