संचार न्यूज़। अखिल भारतीय किसान सभा के द्वारा सर्वोत्तम बिल्डर के खिलाफ रविवार को रामगढ़ में महापंचायत का आयोजन किया गया। सर्वोत्तम बिल्डर के खिलाफ किसानों की जमीन पर जबरन कब्जे के विरोध में संयुक्त मोर्चे के बैनर पर हुई महापंचायत में किसानों के कई संगठनों ने हिस्सा लिया। सभी ने किसानों की आवाज उठाने के लिए मिलकर बिल्डर के खिलाफ लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है।
रविवार को हुई महापंचायत में किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बिल्डरों के साथ साठगांठ करके बेहद कीमती जमीन को रिश्वत खाकर किसानों को लूटने की छूट दे रही है। पहले भी अंसल बिल्डर को इसी तरह सरकार ने लाइसेंस दिया था उस समय किसानों ने जबरदस्त आंदोलन कर 2013 में अंसल बिल्डर को यहां से भगाया था। अब सरकार फिर से एक नए बिल्डर को लेकर आई है जो कृषि भूमि से आवासीय भूमि में भू उपयोग बदलकर पूरा लाभ उठा रहा है। जबकि किसानों को कृषि भूमि के भाव पर ही रुपए देने का ऑफर दे रहा है। किसानों की जमीन को तीन से चार हजार रुपये प्रति गज के रेट से लेकर पचास हजार रुपये प्रति गज के रेट में बेचने का खेल यहां पर चल रहा है। सभी किसानों को बिल्डर के लाइसेंस को रद्द करने की मांग करनी चाहिए और मास्टर प्लान के हिसाब से किसानों को उपयोग के अनुसार अपनी भूमि को डेवलप करने के अधिकार मिलने चाहिए। जिससे किसान अपनी जमीन को बाजार भाव में भेज सके।
इसके साथ ही किसान सभा के उपाध्यक्ष गवरी मुखिया ने ऐलान करते हुए कहा कि जिस तरह किसान सभा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 6 महीने आंदोलन कर जीत दर्ज की है इस तरह किसान सभा आपकी लड़ाई में सहयोग करेगी और जीतने तक कंधे से कंधा मिलाकर पीड़ित किसानों के साथ रहेगी।
महापंचायत में सभी किसानों ने निर्णय लिया कि बिल्डर की मनमानी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिल्डर द्वारा पहले खरीदी गई जमीन पर कब्जे किए जा रहे हैं जबकि बिल्डर और किसानों के बीच में उसे समय खरीदी हुई जमीन पर बढ़ा हुआ मुआवजा देने का लिखित आश्वासन दिया गया था लेकिन उसके बाद भी बिल्डर अब जबरन किसानों की जमीन पर बिना मुआवजा दिए कब्जा कर रहा है जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।