फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में MP-MLA कोर्ट ने सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 7-7 जेल की सजा सुनाई है. फिलहाल, तीनों यूपी की रामपुर जिला जेल में बंद हैं. जेल प्रशासन द्वारा कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद तीनों को कैदी नंबर भी आवंटित कर दिया है. इस बीच मंत्री, सांसद और विधायक जैसे पदों पर रह चुके इस राजनीतिक परिवार के सदस्यों के रामपुर जिला जेल में दिन-रात कैसे गुजर रहे इसको लेकर जिला जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने जानकारी दी.
सामान्य बंदियों की तरह ट्रीट किया गया
इस विषय पर जेल अधीक्षक, प्रशांत मौर्य ने बताया कि यह बात सही है यह तीनों लोग हमारी जेल में निरुद्ध किए गए हैं. एक मामले में इनको 7 साल की सजा हुई है. एक और मामले में यह हवालाती के तौर पर विचाराधीन आए हैं. इनको जेल में प्रवेश के उपरांत जैसे सामान्य बंदियों का प्रोसीजर होता है वही फॉलो किया गया.
जेल अधीक्षक ने आगे बताया कि डॉक्टरों द्वारा इनके (आजम एंड फैमिली) स्वास्थ्य की जांच की गई. जो सामान्य पैरामीटर होते हैं जैसे- ब्लड प्रेशर, शुगर आदि इन सबकी जांच करवाई गई. सभी टेस्ट सामान्य पाए गए हैं. मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी डॉक्टरों ने जानकारी ली है. जेल प्रोसीजर के हिसाब से जो भी नया बंदी आता है उसका मेडिकल चेकअप कराया जाता है. इसके बाद जो भी जेल की तरफ से साधन दिए जाते हैं वो प्रदान किए गए. कंबल, कपड़े इत्यादि.
सामान्य कैदियों के साथ रखे गए हैं आजम और अब्दुल्ला
प्रशांत मौर्य के मुताबिक, पुरुष बंदी वाले बैरक में पुरुषों को और महिला बंदी वाले बैरक में महिलाओं को रखा जाता है. तंजीम फातिमा को महिला बैरक में शिफ्ट में किया गया है. वहीं, आजम और अब्दुल्ला को पुरुष बैरक में. फिलहाल, उनको सामान्य बंदियों के साथ रखा गया है. अभी जेल के अंदर ऐसा कोई सिक्योरिटी इनपुट नहीं मिला है जिससे इनको अलग रखने की कोई आवश्यकता हो. हालांकि, हम सुरक्षा की समीक्षा कर रहे हैं. सीनियर्स से अगर कोई निर्देश प्राप्त होगा तो इनके लिए विशेष सुरक्षा के इंतजाम करेंगे.
जेल में कैसा खाना मिल रहा है तीनों को?
इस सवाल के जवाब में जेल अधीक्षक ने कहा कि सारे कैदियों को (आजम परिवार को मिलाकर) जेल मैनुअल के हिसाब से ही खाना दिया जा रहा है. जो भी चीज आम कैदियों के लिए बनती है जैसे- दाल, चावल, सब्जी, रोटी आदि. वही, सब उनको भी दिया जा रहा है. कल शाम उन्होंने (आजम, तंजीम, अब्दुल्ला) खाना लिया था और सामान्य तरीके से अपना भोजन भी किया था. बाकी जो नाश्ते में सभी के लिए बना था वही उनको उपलब्ध कराया गया. उन्होंने अपना नाश्ता और खाना दोनों ही खाया.
कैदी नंबर क्या मिला?
इसपर रामपुर जिला जेल अधीक्षक ने बताया कि जो भी बंदी हमारे यहां आते हैं उनको एक सीरियल नंबर दिया जाता है. जिसे क्रम संख्या या सामान्य बोलचाल में बंदी संख्या कहते हैं. आजम खान को 338 और तंजीन फातिमा को 339 नंबर मिला है. वहीं, अब्दुल्ला आजम को 340 नंबर मिला है.
जेल में कैसा बर्ताव रहा?
इस सवाल पर जेल अधीक्षक ने कहा- बहुत ज्यादा अलग व्यवहार तो नहीं लगा. जेल में जब नए बंदी आते हैं तो सामान्य तौर पर उनके अंदर बेचैनी रहती है. बस हल्की सी परेशानी दिखाई दी और खाने-पीने को लेकर और स्वास्थ्य संबंधी पैरामीटर को लेकर कोई गड़बड़ी नहीं मिली है. जेल में आने के बाद सभी के साथ जो लक्षण होते हैं वहीं उनके साथ भी हैं.
जेल में मुलाकात में क्या नियम है?
इसपर जेल अधीक्षक ने बताया कि मैनुअल के हिसाब से कैदी महीने में दो बार किसी से मिल सकता है. एक बार में 3 व्यक्ति मिल सकते हैं. इसके लिए अलग-अलग नियम हैं.