उत्तर प्रदेश के बांदा (Banda News) में स्वास्थ्य विभाग में उस वक्त हड़कंप मच गया जब नसबंदी के बावजूद 8 महिलाएं प्रेग्नेंट हो गईं. जब महिलाओं को इस बात की जानकारी हुई कि वह प्रेग्नेंट हैं तो उनके भी होश उड़ गए. उन्होंने CMO से मामले की शिकायत भी की है. जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि यह रूटीन प्रकिया है, हमारे गजट में है, अब इस गड़बड़ी में पर्दा डालने के लिए 60-60 हजार मुआवजा देने की तैयारियां कर रहा है और महिलाओं से दस्तावेज इकट्ठा करने में जुटा है.
नसबंदी के बाद भी प्रेग्नेंट हो गईं 8 महिलाएं
बांदा में नसबंदी के बाद भी 8 महिलाओं के साथ घोखा हो गया. जब वह प्रेग्नेंट हो गयी तो सीधे स्वास्थ्य विभाग के ऑफिस पहुंच गयी. आपको बता दें जिले के मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल सहित कई CHC में सरकार की तरफ से टारगेट भी दिया जाता है. जिस पर महिलाएं नसबंदी के बाद बेफिक्र हो जाती हैं, लेकिन जब ऐसी गड़बड़ी सामने आती है तो महिलाओं की परेशानी बढ़ गई है.
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य केंद्र बबेरू में तीन, बिसंडा में दो, बड़ोखर कमासिन और जिला अस्पताल में एक एक महिलाओं की नसबंदी के बाद प्रेग्नेंट हो गयी. स्वास्थ्य विभाग महिलाओं के दस्तावेज की जांच कर उन्हें धनराशि देने की प्रक्रिया कर रहा है.
CMO ने कही ये बात
वहीं इस मामले में CMO बांदा डॉक्टर अनिल कुमार ने यूपी तक से बात करते हुए कहा कि, ‘यह एक रूटीन प्रक्रिया है, पिछले सालों में ऐसे मामले सामने आए हैं. जब नसबंदी डिफॉल्ट हो जाती है तो उसके अगले 3 महीने में मुआवजे का प्रावधान है. जहां फाइल बनाकर शासन को भेजी जाती है, जिसके बाद उन्हें 60 हजार रुपये दिया जाता है, लोग दावा भी करते हैं. अब इन महिलाओं के दस्तेवजो की जांच कराई जा रही है, इसे लापरवाही नही कह सकते क्योंकि ऐसे केस सामने आते रहते हैं, नसबंदी के बाद डिफॉल्ट हो जाते हैं.’