ग्रेटर नोएडा। प्रेम-प्रसंग के चलते गर्भवती विधवा महिला की गर्भपात के दौरान मौत हो गई। प्रेमी ने अपने परिचितों के साथ मिलकर 10 दिन पहले उसके शव को ठिकाने भी लगा दिया। मृतका के बेटे की शिकायत पर पुलिस ने जांच की तो मामले से पर्दा उठा।
आरोपी प्रेमी की निशानदेही पर पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस ने प्रेमी, गर्भपात करने वाले झोलाछाप डॉक्टर व उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले में संलिप्त अन्य आरोपितों की तलाश कर रही है।
जेवर कोतवाली क्षेत्र में विधवा महिला अपने सास ससुर व तीन बच्चों के साथ रहती थी। 15 अगस्त को उसके बड़े बेटे ने कोतवाली में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। बताया कि उसकी मां छह अगस्त से लापता है। यह भी बताया कि वह पहले भी घर छोड़कर जा चुकी है, लेकिन दो-तीन दिन बाद वापस आ जाती थी।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। काल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि पड़ोसी युवक से उसकी मां की सबसे ज्यादा बातचीत हुई है। जांच और आगे बढ़ी तो पता चला कि दोनों का प्रेम-प्रसंग चल रहा है। पुलिस ने उस युवक को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि विधवा महिला गर्भवती हो गई थी।
पड़ोसी युवक छह अगस्त को अपने दोस्त की मदद से मोटरसाइकिल पर बैठाकर बुलंदशहर के डिबाई ले गया। वहां दोस्त के स्वजन की मदद से झोलाछाप डॉक्टर के अस्तपाल में ले जाकर उसका गर्भपात करा दिया। झोलाछाप डॉक्टर मनोज कुमार व उसकी सहयोगी मिथलेश व राज बहादुर ने गर्भपात किया।
रक्त स्राव अधिक होने के कारण उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई। सात अगस्त को उसकी मौत हो गई। युवक ने अपने दोस्त व उसके स्वजन की मदद से उसके शव को अनूपशहर गांव के समीप नाले की झाड़ियों में फेंक दिया। डीसीपी ग्रेटर नोएडा सादमियां खान ने बताया कि मामले में आरोपी का सहयोग करने वाले चार आरोपितों की तलाश की जा रही है।
बच्चा जीवित होने की चर्चा
विधवा गर्भवती महिला की गर्भपात के दौरान मौत के मामले में चर्चा है कि बच्चा गर्भ में आठ महीने से पल रहा था। महिला का गर्भपात नहीं हुआ था। उसने जीवित बच्चे को जन्म दिया था। आरोपितों ने उसे किसी को सौंप दिया है। जेवर कोतवाली प्रभारी संजय सिंह का कहना है कि बच्चे के जिंदा होने की चर्चा सामने आई है। आरोपितों ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। जांच की जा रही है।