नई दिल्ली: सूर्य की स्टडी करने निकले सूर्ययान के बारे में इसरो ने ताजा अपडेट दी है। भारत के पहले सौर मिशन आदित्य एल-1 ने तीसरी बार कक्षा बदली है। इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि बेंगलुरू के ISTRAC सेंटर से आदित्य एल-1 के पृथ्वी की कक्षा को बदलने का तीसरा चरण पूरा कर लिया गया है। इसरो ने बताया कि इसे मॉरीशस, बेंललुरू और पोर्ट ब्लेयर में उसके ग्रांउड स्टेशनों से मिशन की प्रक्रिया को ट्रैक किया गया था।
इसरो ने बताया कहां पहुंचा आदित्य-एल1
आदित्य एल-1 ने इसी हफ्ते चांद और धरती के साथ अपनी एक सेल्फी भेजी थी। इसके बाद इसरोने एक बार फिर आदित्य एल-1 के बारे में गुड न्यूज दी है। इसरो ने अपने ट्वीट में लिखा कि बेंगलुरु के इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISTRAC) से दूसरे अर्थ बाउंड मैन्यूवेयर (EBN#2) को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस ऑपरेशन के दौरान इसरो के मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर स्थित ग्राउंड स्टेशनों ने उपग्रह को ट्रैक किया। नई कक्षा 282 किमी x 40225 किमी है। अगला मेन्यूवेयर (EBN#3) 10 सितंबर, 2023 को सुबह 2:30 बजे IST के आसपास होने वाला है।
आदित्य एल1 कितनी बार बदली कक्षा?
आदित्य-एल1 ने 2 सितंबर को लॉन्च होने के बाद 3 सितंबर को पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदली थी। सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर आदित्यL1 ने अर्थ बाउंड मेनूवेयर किया था। दूसरी बार 5 सितंबर को आदित्य एल1 ने दूसरी बार कक्षा बदली थी। और आज तीसरी बार आदित्य एल1 ने कक्षा बदली है। बताया गया है कि भारत का पहला सौर मिशन 125 दिनों का होने वाला है। इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में ही बिताएगा।