ग्रेटर नोएडा में बिसरख थाना क्षेत्र के शाहबेरी गांव में कस्टोडियन (शत्रु संपति) की जमीन पर बनाई गई अवैध दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चला दिया। इस दौरान प्रशासन ने 48 दुकानों को तोड़कर ध्वज कर दिया। यहां पर कस्टोडियन की जमीन पर भूमाफियाओं के द्वारा कब्जा करते हुए चार मकान और 148 दुकान बना दी गई थी जिनका तोड़ने के लिए प्रशासन ने पहले ही यहां पर नोटिस जारी कर दुकानों को सील कर दिया था। आज बुधवार को दादरी एसडीएम भारी पुलिस बल और पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे और बुलडोजर के माध्यम से दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई।
दरअसल, शाहबेरी गांव के खसरा नंबर 13, 30, 125 और 187 शत्रु संपत्ति है। खसरा नंबर 187 में 8790 वर्ग मीटर जमीन है जिस पर 148 अवैध दुकानें बनी हुई है। जिनको तोड़ने के लिए प्रशासन ने पहले ही इन दुकानों को सील कर दिया था। वही खसरा नंबर 13 की 1520 वर्ग मीटर जमीन पर चार मकान बने हुए हैं। इसके साथ ही खसरा नंबर 30 की 250 वर्ग मीटर और खसरा नंबर 125 की 390 वर्ग मीटर जमीन पर भी अवैध निर्माण किया गया है।
शाहबेरी गांव में शत्रु संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करते हुए भूमाफियाओं ने 148 दुकान बना दी थी। जिनमें से 48 दुकान अधूरी बनी हुई थी जबकि 100 दुकान पूरी बन चुकी है। 100 दुकानों को तोड़ने के लिए प्रशासन के द्वारा पहले ही नोटिस जारी कर दिया गया था। बुधवार को पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन के द्वारा 48 दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। इसके बाद अन्य दुकानों को तोड़ने की कार्यवाही की जाएगी। बुधवार की कार्रवाई में प्रशासन के द्वारा 26 करोड़ की जमीन को मुक्त कराया गया है।
क्या है शत्रु संपत्ति
1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के मध्य नजर भारत से लोगों का पाकिस्तान में प्रवास हुआ। भारत के रक्षा अधिनियम 1962 के तहत बनाए गए भारत रक्षा नियमों के तहत भारत सरकार ने पाकिस्तान राष्ट्रीयता लेने वालों की संपत्ति और कंपनियों को अपने कब्जे में ले लिया। शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत भारत के लिए शत्रु संपत्ति के अभिरक्षण में निहित अचल शत्रु संपत्तियों के निपटारे के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है।
पाकिस्तान से जाकर बेच दी थी शाहबेरी की जमीन
शाहबेरी के खसरा नंबर 187 की जमीन का मालिक पाकिस्तान चला गया था। लेकिन 20 वर्ष पूर्व भारत आया और उसने इस जमीन को बेच दिया था उसके बाद यह जमीन कई बार बिक चुकी है। जिस कारण लोग इस जमीन पर अपना अधिकार बताते हैं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह जमीन अब कस्टोडियन के पास है। हाई कोर्ट के आदेश पर ही प्रशासन के द्वारा शत्रु संपत्ति को खाली कराया जा रहा है।