ग्रेनो प्राधिकरण बोर्ड बैठक में नोएडा-ग्रेनो के संयुक्त प्रोजेक्ट पर लगाई मुहर, अस्तौली में एनटीपीसी लगाएगा 1100 टन क्षमता का चारकोल प्लांट
संचार न्यूज़ । नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कूड़े को निस्तारित करने के लिए एनटीपीसी का संयुक्त चारकोल प्लांट लखनावली के बजाय अस्तौली लैंडफिल साइट पर बनेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने एनटीपीसी के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। यह चारकोल प्लांट 1100 टन प्रतिदिन क्षमता का होगा। नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से 30 एकड़ जमीन लगभग 64 करोड़ रुपये की कीमत पर 99 साल की लीज पर लिया है। चारकोल का इस्तेमाल एनटीपीसी खुद से बिजली उत्पादन में करेगा। इसके साथ ही बायो सीएनजी भी प्लांट भी अस्तौली लैंडफिल साइट पर ही बनेगा।
दरअसल, नोएडा -ग्रेटर नोएडा में कूड़े का वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारण के लिए अस्तौली में लैंडफिल साइट के लिए 134 एकड़ भूमि चिंहित की गई है। इसकी बाउंड्री भी बन चुकी है। ग्रेटर नोएडा से संपर्क मार्ग बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इस साइट पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कूड़े को प्रोसेस किया जाएगा।
नोएडा के कूड़े का निस्तारण करने के लिए 134 एकड़ में से 30 एकड़ भूमि लीज पर नोएडा को दी गई है। इसकी कीमत करीब 64 करोड़ रुपये है। इस साइट पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा का संयुक्त बायो सीएनजी प्लांट लगाया जाएगा, जिसके लिए एवर इनवायरो के साथ अनुबंध किया गया है। वहीं दूसरी तरफ एनटीपीसी नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कूड़े से चारकोल बनाने का प्लांट लगाएगा।
अब तक एनटीपीसी का यह प्लांट ग्रेटर नोएडा के लिए लखनावली में और नोएडा के लिए अस्तौली में बनाने की योजना थी, लेकिन अब एनटीपीसी के अनुरोध पर यह प्लांट दो जगह बनाने के बजाय एक जगह कर दिया है। सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि अब एनटीपीसी अस्तौली में 1100 टन प्रतिदिन क्षमता का सूखे कूड़े से चारकोल बनाने का एक ही प्लांट बनाएगा। इसमें 500 टन ग्रेटर नोएडा और 600 टन नोएडा का कूड़ा होगा।
इसके लिए एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण का अनुबंध हो चुका है। इन दोनों प्लांट के लगने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा को कूड़े के उचित प्रबंधन न होने पाने की बड़ी समस्या से निजात मिल जाएगी।