संचार न्यूज़। ग्रेटर नोएडा में नाबालिक का अपहरण कर दुष्कर्म के दोनों दोषियों को जिला न्यायालय ने सजा सुनाई है। बुधवार को अपर शत्र विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विकस नागर ने आरोपी हरवीर व विपिन को दुष्कर्म के मामले में दोषी मानते हुए बीस – बीस साल की सजा सुनाई। दोनों दोषियों पर अदालत ने जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि जमा न करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी नहीं होगी।
दरअसल, कासना/ग्रेटर नोएडा में वर्ष 2016 में कासना कस्बे में एक नाबालिक को जेवर निवासी हरवीर व अलीगढ़ निवासी विपिन ने घर से अपहरण कर लेकर फरार हो गए। जिसके बाद दोनों आरोपियों ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। पीड़िता के परिजनों ने मासूम के घर से गायब होने की शिकायत थाना ग्रेटर नोएडा पुलिस से की। थाना ग्रेटर नोएडा वर्तमान में थाना कासना के नाम से जाना जाता है।
अभियोजन अधिकारी जेपी भाटी ने बताया कि पीड़िता अपने पिता के साथ कासना कस्बे में किराए के मकान में रहते थे। पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 27 मार्च 2016 को मासूम पीड़िता को उसकी बड़ी बहन के साथ कासना में घर पर छोड़कर पत्नी के साथ गांव में गया था। घर पर पीड़िता अपनी बड़ी बहन के साथ थी। पीड़िता मासूम जब दुकान पर कुछ सामान लेने गई तो वहीं से दोनों आरोपियों ने पीड़िता का अपहरण कर लिया और अपने साथ लेकर फरार हो गए। पीड़िता की बहन ने अपने माता-पिता को उसके गायब होने की सूचना दी। जिसके बाद में गांव से कासना आये माता-पिता ने मासूम को काफी तलाश किया लेकिन उसके बाद भी वह कहीं नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने कासना/ग्रेटर नोएडा थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच करते हुए मासूम नाबालिक को कई दिन बाद बरामद कर लिया। उसके बाद उस को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेज दिया और मजिस्ट्रेट के सामने उसके बयान दर्ज कराए। बयानों के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपी हरवीर और विपिन को गिरफ्तार का जेल भेज दिया और मामले की चार्जशीट जिला न्यायालय सूरजपुर में पेश की।
जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र विशेष न्यायाधीश विकास नागर पॉक्सो ने मामले की सुनवाई की। अदालत में सुनवाई के दौरान 9 गवाह पेश किए गए। सभी गवाहो की गवाही और दोनों पक्षों के वकीलों की जिरह के बाद आरोपी हरवीर और विपिन को दोषी मानते हुए 20-20 साल की सजा सुनाई है। दोनोंदोषियों पर साठ-साठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि जमा न करने पर 6 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। वहीं जेल में बताई गई अवधि इस सजा में समायोजित की जाएगी।