सीतापुर के रामपुर मथुरा में एक ही परिवार के 6 लोगों की हत्या के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पुलिस के मुताबिक, इस हत्याकांड को किसी और ने नहीं बल्कि मृतक अनुराग सिंह के भाई अजीत सिंह ने अंजाम दिया था. पांच दिन की तफ्तीश के बाद पुलिस ने अजीत को गिरफ्तार कर लिया है.
गौरतलब है कि हत्यारोपी अजीत सिंह ने अपने पिता के ही अवैध तमंचे से ही इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था. दरअसल, अजीत को पता था कि पिता का तमंचा मां के पास रहता है. उसने पहले इस तमंचे को मां के पास से गायब कर दिया और फिर खौफनाक वारदात कर डाली.
मालूम हो कि शुक्रवार देर रात पल्हापुर गांव में अजीत ने अपने भाई अनुराग, उसकी पत्नी प्रियंका व उसके तीन बच्चों के साथ अपनी मां सावित्री की नृशंस हत्या कर दी थी. बाद में पुलिस को फोन कर भाई अनुराग पर ही इस हत्याकांड को अंजाम देकर आत्महत्या कर लेने की सूचना दी थी. लेकिन अब पुलिस ने बताया है कि 6 लोगों की हत्या करने वाला अजीत ही है. उसने बचने के लिए फर्जी कहानी गढ़ी थी.
पुलिस ने बताया कि अजीत ने कुबूल किया है कि घटना वाली रात ने उसने सबसे पहले अपनी भाभी को गोली मारी थी. गोली की आवाज सुनकर जब उसकी मां सावित्री पहुंची थी तो उन पर हथौड़े से वार कर दिया था. उसके बाद अनुराग व उसके तीनों बच्चों को मौत के घाट उतारा.
इसलिए वारदात को दिया अंजाम
पुलिस की माने तो इस पूरे कांड में जमीनी विवाद, कर्ज चुकाने के लिए पैसों की जरूरत अहम वजह रही. दरअसल, मृतक के पिता के खेती पर लिए गए 24 लाख के लोन को भाभी (मृतक प्रियंका) जमीन बेचकर चुकाना चाहती थी. जबकि, हत्यारोपी अजीत इसके खिलाफ था.
अजीत सिंह चाहता था खेती से होने वाली कमाई से लोन भरा जाए. जमीन नहीं बेची जाए. वह बड़े भाई अनुराग और भाभी प्रियंका से चिढ़ता था. उसे लगता था कि दोनों उसका हक मार रहे हैं. वह करीब 40 बीघे जमीन के बंटवारे से भी खुश नहीं था.
आईजी तरुण गाबा के अनुसार, किसान क्रेडिट कार्ड पर बकाया लोन और संपत्ति बंटवारे के तरीके के अलावा उपेक्षा के चलते मन में पैदा कुंठा कत्ल की वजह बनी. फिलहाल, आरोपी अजीत सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इस वारदात में किसी और के शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं. अजीत ने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया था.
पूछताछ में बताई ये बात
पुलिस से पूछताछ में आरोपी ने कुबूला कि वह भाई और भाभी की ही हत्या करना चाहता था, लेकिन मां के जागने की वजह से उसे मारना पड़ा. तीनों बच्चों को कमरे में ले जाकर अजीत ने समझाने की कोशिश की कि पिता ने मां और दादी की हत्या के बाद खुद आत्महत्या कर ली, मगर बच्चे चिल्लाने लगे तो बाद में उन्हें भी मार डाला.
अजीत ने यह भी बताया कि 11 मई की रात उसने खिचड़ी में नींद की गोलियां मिलाकर रख दी थीं. ताकि, खाना खाने के बाद परिवार वाले सो जाएं और हत्या करने में किसी को शक न हो. लेकिन उस रात सभी बाहर से खाना खाकर आ गए. लेकिन फिर भी अजीत ने अपना इरादा नहीं बदला.
उसने एसी कमरे से भाई-भाभी को बाहर निकालने के लिए रात 12:00 बजे के बाद घर की लाइट खराब कर दी थी. करीब ढाई बजे गर्मी से परेशान भाभी बाहर आई तो अजीत ने पहले भाभी और फिर भाई को भी गोली मार दी. मां मौके पर आई तो हथौड़े से उसे भी मार डाला. फिर भाई के तीन बच्चों की हत्या की.