ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) पंजीकृत परियोजनाओं से जुड़ी जानकारी को पारदर्शी बनाने की दिशा में नए आयाम तलाश रहा है। इस कड़ी में रेरा अधिकारियों ने पंजीकृत परियोजनाओं का क्यूआर कोड बनाने की दिशा में कदम उठाया है।
रेरा अधिकारियों ने बिल्डरों को क्यूआर कोड युक्त परियोजना पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रति आवंटियों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद परियोजना पंजीकरण प्रमाण पत्र के नए स्वरूप में अब क्यूआर कोड भी दिया जा रहा है। मोबाइल से स्कैन करके सीधे रेरा पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी देखी जा सकती है।
देख सकेंगे बिल्डरों की जानकारी
पंजीकरण प्रमाण पत्र में परियोजना तथा प्रमोटर का नाम, पंजीकरण का महीना, साल, परियोजना के प्रारंभ और पूर्ण होने की तिथि सहित निर्माण अवधि व परियेाजना तथा बिल्डरों के पते देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही क्यूआर कोड से लैस माडर्न पंजीकरण प्रमाण पत्र को प्रोमोटर के कार्पोरेट कार्यालय तथा परियोजना के साइट कार्यालय में प्रदर्शित करना अनिवार्य है।
वेबसाइट व विज्ञापनों में क्यूआर कोड होने से घर खरीदारों को रेरा पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकेगी। विज्ञापनों पर भी क्यूआर कोड होने से घर खरीदारों को पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकेगी।
रेरा अध्यक्ष संजय भूस रेड्डी ने बताया कि बिल्डर परियोजनाओं के पंजीकरण प्रमाण पत्र के स्वरूप में बदलाव किया गया है। अब प्रमाण पत्र रेरा सचिव के डिजिटल सिग्नेचर से जारी हो रहे है। उसमें परियोजना का क्यूआर कोड भी जारी किया जा रहा है।
फ्लैट खरीदार रेरा की वेबसाइट पर परियोजना की भूमि, मानचित्र तथा अन्य स्वीकृतियों, त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट जैसे समस्त विवरण देखे जा सकते हैं।