फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर बढ़ते विवाद के बीच सोमवार को वाराणसी में विरोध प्रदर्शन किया गया और फिल्म के पोस्टर फाड़े गए। वहीं, हिंदू महासभा ने फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ लखनऊ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
समाजवादी पार्टी ने कहा कि श्रद्धालु फिल्म के ‘सस्ते और सतही संवादों’ से आहत हैं और फिल्म एक ‘एजेंडे’ का हिस्सा थी। फिल्म आदिपुरुष के अमर्यादित संवाद और चरित्र चित्रण को लेकर एक हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने वाराणसी के सिगरा स्थित आईपी मॉल पर विरोध प्रदर्शन किया और फिल्म के पोस्टर फाड़ डाले।
दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ में हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने हजरतगंज थाने में तहरीर देकर फिल्म के अभिनेताओं, निर्माता और निर्देशक के खिलाफ प्राथमिकी पंजीकृत दर्ज करने की मांग की है। हालांकि, अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।
एक हिंदू संगठन के नेता हेमंत राज ने बताया कि सोमवार को दर्जनों की संख्या में युवा भारत माता मंदिर पर एकत्रित हुए और यहां से जुलूस बनाकर सिगरा स्थित आईपी मॉल पहुंचे। उन्होंने कहा कि युवाओं ने वहां फिल्म का पोस्टर फाड़कर नारेबाजी की और फिल्म को बंद करने की मांग की।
युवाओं ने आदिपुरुष फिल्म को ना देखने की लोगों से अपील की और पर्चे बांटे। युवा मॉल के अंदर प्रवेश करना चाहते थे, लेकिन वहां मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। युवाओं का कहना था कि इस तरह की फिल्म बनाकर उनके धर्म का मजाक उड़ाया जा रहा है जिसे वे किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं करेंगे। उन्होंने मांग की कि उत्तर प्रदेश सरकार तत्काल इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाये।
राजधानी लखनऊ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी और उनके अन्य साथियों ने हजरतगंज पुलिस थाने में तहरीर देकर फिल्म के अभिनेताओं और फिल्म के निर्माता निर्देशक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
उन्होंने अपनी तहरीर में कहा कि फिल्म में सनातम धर्म का, प्रभु श्री राम जी का, हनुमान जी का, भगवा ध्वज का और सीता मैया का अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म का चित्रण गलत और कलाकारों की वेशभूषा अनुचित है और इसके संवाद आपत्तिजनक हैं। उन्होंने कहा कि असल रामायण का गलत प्रस्तुतीकरण किया गया है।
इस बारे में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि फिल्म के खिलाफ तहरीर मिल गयी है और पुलिस मामले की जांच कर रही हैं, अभी इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।उधर, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने फिल्म आदिपुरुष को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा, लेकिन उन्होंने फिल्म का नाम नहीं लिया।
सपा नेता यादव ने ट्वीट कर कहा कि जो राजनीतिक आकाओं के पैसों से उनके एजेंडे वाली मनमानी फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, उनकी फिल्मों को प्रमाणपत्र देने से पहले सेंसर बोर्ड को उनके ‘राजनीतिक-चरित्र’ का प्रमाणपत्र देखना चाहिए। क्या सेंसर बोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है?
पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने ट्वीट कर कहा कि सस्ते व सतही संवाद वाले सिनेमा के जरिये मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनकी कथा के विराट तथा प्रेरक चरित्रों को संकुचित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे करोड़ों आस्थावान सनातनी आहत हैं। इस कृत्य के लिए तथाकथित सनातनी भाजपाई देश से माफी मांगें। ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो।
गौरतलब है कि आदिपुरुष शुक्रवार को देशभर में हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और तमिल भाषाओं में रिलीज हुई। फिल्म में अभिनेता प्रभास ने भगवान राम की, कृति सेनन ने सीता की और सैफ अली खान ने रावण की भूमिका निभाई है। ओम राउत द्वारा निर्देशित और टी-सीरीज द्वारा निर्मित बड़े बजट वाली इस फिल्म के खराब संवादों को लेकर सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना हो रही है।