गाजियाबादः उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के उद्देश्य से लगाए गए पोस्टरों के संबंध में पूछताछ के लिए एक व्यक्ति को नंदग्राम पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिसे बाद में रिहा कर दिया गया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि रविवार को सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से नंदग्राम थाना क्षेत्र में प्रमुख स्थानों पर पोस्टर लगाए गए थे, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों के बहिष्कार का आह्वान किया गया था।
सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस ने मामले में तीन युवकों नितिन चौहान, ब्रह्मानंद पुजारी और शेखर पंडित की पहचान की और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस उपायुक्त (शहर जोन) निपुण अग्रवाल ने कहा कि पोस्टर हटा दिए गए हैं, सोमवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने नंदग्राम थाने के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया और सागर चौहान (नितिन चौहान के भाई) की रिहाई की मांग की। पुलिस ने सागर को हिरासत में ले लिया था।
पुलिस ने कहा कि बाद में सागर को रिहा कर दिया गया क्योंकि उसे केवल पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। पोस्टर कथित तौर पर ‘हिंदू समाज संगठन’ नाम के एक फर्जी हिंदू संगठन द्वारा लगाए गए थे। विहिप के जिला अध्यक्ष आलोक गर्ग ने कहा कि ‘कुछ अज्ञात लोगों ने ‘हिंदू समाज संगठन’ नाम का एक काल्पनिक नाम रखकर उक्त पोस्टर पोस्टर चिपकाए थे। उन्होंने कहा, विहिप या बजरंग दल का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वहीं मुस्लिम महासभा के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि हमारा संगठन पूरे देश में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बढ़ाने के लिए कार्यक्रम करेगा, जिसके लिए हमने अपने संगठन के राज्य प्रमुखों और अन्य पदाधिकारियों को दिशानिर्देश जारी किए हैं।
खान ने आरोप लगाया कि ‘सामान भाई से खरीदो, भाईजान से नहीं’ नारे वाले इस तरह के पोस्टर दोनों धर्मों में नफरत फैलाकर सांप्रदायिक दंगा भड़काने का प्रयास है। उन्होंने कहा- दोनों धर्म आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। खान ने कहा, मुस्लिम पंक्चर से लेकर मैकेनिक तक सेवाएं दे रहे हैं, सब्जियां, फल उगा रहे हैं और दूध की आपूर्ति कर रहे हैं। पुलिस ने दो मामलों में कुल चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 153ए (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 (पूजा स्थल या किसी वस्तु को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना), धर्म का अपमान करने के इरादे से पवित्र) और 298 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से शब्द के तहत दर्ज किए गए थे) के तहत दर्ज किया था।
डीसीपी अग्रवाल ने कहा कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज की निगरानी के बाद कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ बिंदुओं पर जांच चल रही है कि ये पोस्टर क्यों लगाए गए, कहां छपे, इसके लिए किसने भुगतान किया और इसके पीछे का मास्टरमाइंड कौन है।