ग्रेटर नोएडा। सूरजपुर के गुलिस्तानपुर से साढ़े चार वर्ष के मासूम रितिक को अगवा कर हत्या के मामले में कन्नौज निवासी अनिल और विजय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। पड़ोस में किराये पर रहने वाले दोनों दोषियों ने दो लाख की फिरौती के लिए गुलिस्तानपुर निवासी ब्रह्मदेव के मासूम बेटे को अगवा किया था। दोनों ने मासूम की हत्या कर शव सूरजपुर में दलदल में छुपा दिया था। जिला जज अवनीश कुमार सक्सेना की अदालत ने दोनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
शासकीय अधिवक्ता ब्रह्मजीत भाटी ने बताया कि मूलरूप से बिहार के सहरसा निवासी ब्रह्मदत्त गुलिस्तानपुर में किराये पर कमरा लेकर रहते थे। 24 जनवरी 2021 को घर से बाहर उनके छोटे बेटे रितिक को अगवा कर लिया गया। शिकायत पर पुलिस केस दर्ज कर बच्चे की तलाश में जुट गई। जांच में पुलिस को पता चला कि करीब एक माह पहले ब्रह्मदत्त के पड़ोस में रहने आए जिला कन्नौज गांव उलर निवासी अनिल और विजय वारदात के बाद से लापता हैं। शक होने पर वारदात के 21 दिन बाद पुलिस ने अनिल को गिरफ्तार किया। अनिल ने पूछताछ में जुर्म कबूल कर लिया। अनिल की निशानदेही पर पुलिस ने औद्योगिक क्षेत्र साइड बी स्थित कंपनी के पीछे दलदल से बच्चे का क्षतविक्षत शव बरामद किया। कपड़े, जूते आदि से परिजनों ने बच्चे की शिनाख्त की। इसके बाद अनिल के साथी विजय को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस दोनों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। जिला न्यायालय ने केस की सुनवाई की और गवाहों के बयान सुनकर अनिल और विजय को दोषी मानते हुए शुक्रवार को उम्रकैद का सजा सुना दी।
थैलिसीमिया से पीड़ित बेटे के इलाज के लिए कर्ज लेने के प्रयास में था पिता
ब्रह्मजीत छोटा मोटा व्यापार कर परिवार का गुजारा करता है। ब्रह्मजीत का बड़ा बेटा थैलिसीमिया बीमारी से पीड़ित है। आमतौर पर हर 29 दिन में उसका खून बदला जाता है। ब्रह्मजीत को बड़े बेटे के उपचार के लिए और व्यापार में लगाने के लिए रुपयों की आवश्यकता थी। इसके चलते वह लोन लेने का प्रयास कर रहा था। उसे फोन पर बात करते हुए अनिल और विजय ने सुन लिया था। दोनों ने दो लाख रुपये की फिरौती के लिए छोटे बेटे का अपहरण कर लिया।
कस्टडी से फरार होकर अस्पताल की फॉल्स सीलिंग में छुप गया था अनिल
पुलिस अनिल को लेकर जिला अस्पताल मेडिकल परीक्षण के लिए लेकर पहुंची थी। लघुशंका के बहाने अनिल फरार हो गया था। आरोपी अस्पताल की फॉल्स सीलिंग में छुप गया था। पुलिस ने सर्च अभियान चलाकर छह घंटे बाद आरोपी को दबोच लिया था। मासूम के अपहरण के हत्यारोपी के कस्टडी से फरार होने पर महकमे में हड़कंप मच गया था।