भारत के संविधान का पहला संस्करण (First Edition Of Constitution) जिसे एक देश का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज माना जाता है. मंगलवार (30 जुलाई) को इसकी नीलामी 48 लाख रुपये में हुई है. साल 1950 में तैयार हुए इस संस्करण में संविधान के निर्मताओं के हस्ताक्षर, प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखे गए सुलेख और नंदलाल बोस की बनाई गई चित्रण शामिल हैं.
आपको बता दें कि मंगलवार(30 जुलाई) को सैफरनआर्ट द्वारा की गई नीलामी में भारत की विरासत से जुड़ी महत्वपूर्ण वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया. जिनमें कई दस्तावेजों की नीलामी हुई. इस नीलामी में संविधान एक प्रमुख आकर्षण बन गया था.
सविंधान की इस प्रति को संसद में सालों से संभालकर रखा हुआ था. इसे खास तरीके से सुरक्षित रखा गया था. मंगलवार को हुई नीलामी में कई और पुरानी चीजों की भी ब्रिकी की गई. संविधान की इस प्रति को बनाने में करीब छह महीने लगे. वहीं, इस संविधान को बनाने में चार साल लगे. इसे प्रति को बनाने वाले को 4000 रुपये मिले थे. इसके बाद नंदलाल बोस ने इसमें चित्र बनाए. उन्हें इस काम के लिए 21,000 रुपये मिले थे.
संविधान की प्रति में निर्माताओं के पेंटेड हस्ताक्षर
संविधान की पहली प्रति में संविधान के निर्माताओं के पेंटेड हस्ताक्षर हैं. इसमें प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा सुलेखन और प्रख्यात आधुनिक कलाकार नंदलाल बोस द्वारा चित्रकारी भी शामिल है. 24 से 26 जुलाई की तीन दिवसीय ऑनलाइन नीलामी में संविधान की पहली प्रति की ब्रिकी की गई. इस नीलामी में भारतीय इतिहास, कला, साहित्य तथा फोटोग्राफी की सदियों पुरानी वस्तुएं भी शामिल हैं.
इस नीलामी को लेकर सफरनआर्ट के सह-संस्थापक मीनल वजीरानी ने कहा कि प्रत्येक भाग भारत की विरासत के दस्तावेज के रूप में बहुत अधिक ऐतिहासिक महत्व रखता है. अंबेडकर द्वारा तैयार संविधान के ब्लूप्रिंट पर 1946 की संविधान सभा के 284 सदस्यों के हाथ के निशान हैं, जिनमें लेखिका कमला चौधरी के हिंदी हस्ताक्षर और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के अंग्रेजी हस्ताक्षर शामिल हैं.