लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र में बीते शनिवार को रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या और लूटपाट का खुलासा हो गया है। लखनऊ पुलिस ने 72 घंटे में यानी मंगलवार को इस हाई प्रोफाइल केस की सभी परतें खोल दी हैं। घटना में शामिल मुख्य आरोपी अखिलेश समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें पूर्व आईएएस का ड्राइवर अखिलेश, रवि और रंजीत शामिल है। इस पूरे हत्याकांड के पीछे की वजह वादा करके रुपये न देना बताई जा रही है। जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने बताया कि अखिलेश 13 साल से इनके यहां गाड़ी चलाता था। करीब पांच महीने पहले अखिलेश की शादी हुई। जिसकी जिम्मेदारी देवेंद्र नाथ दुबे ने ली थी।
पूर्व आईएएस ने शादी में दिए 21 हजार रुपये
देवेंद्र नाथ दुबे के घर पर अखिलेश यादव काफी लंबे समय से काम करता था, इसलिए उसकी शादी कराने और उसमें खर्च होने वाले रुपयों की जिम्मेदारी पूर्व आईएएस ने ली थी, लेकिन जब शादी हुई तो उन्होंने उसे 21 हजार रुपये ही दिए। इसके अलावा अखिलेश को टीवी की बीमारी थी, जिसका इलाज स्वयं वो करा रहा था। 15 हजार रुपये वेतन होने की वजह से इलाज, शादी समेत कई जिम्मेदारियों से वो घिर गया था। यही वजह है कि उसने अपने भाई रवि के साथ मिलकर लूटपाट और हत्या की रणनीति बनाई। वारदात के दिन रवि ही गाड़ी चलाकर देवेंद्र नाथ को गोल्फ क्लब ले गया था।
13 साल से करते थे काम
जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने बताया कि मुख्य आरोपी अखिलेश समेत हत्या और लूटपाट में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अखिलेश यादव ने अपने भाई रवि के साथ मिलकर इस घटना की साजिश रची। रवि देवेंद्र को गोल्फ क्लब लेकर सुबह जाता था। पिछले 13 साल से अखिलेश और रवि दोनों भाई इनके यहां नौकरी कर रहे थे। रवि ड्राइवर अखिलेश को टीवी के बीमारी थी, जिसके चलते उसने कई लोगों से इलाज के लिए पैसा लिया हुआ था। जिसके चलते कर्ज से परेशान था, इसलिए अपने भाई रवि से मिलकर घटना की साजिश रची। इसमें अपने दोस्त रंजीत को भी मोटी रकम का लालच देकर शामिल किया।
पूछताछ में उगले ये राज
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि रवि ने भाई अखिलेश से कहा था कि घटना के दिन मैं साहब देवेंद्र नाथ को गोल्फ क्लब जब लेकर सुबह जाऊंगा। उस वक्त मालकिन अकेले घर पर रहती हैं। उसी समय घटना को करना और मालकिन (मोहिनी दुबे) को मार देना, ताकि पकड़े न जाओ। पुलिस के मुताबिक, घटना के दिन अखिलेश साथी रंजीत को लेकर घर पहुंचा था। जहां अखिलेश ने रंजीत को मिलवाया। रंजीत ने मृतका के पैर छुए। जिसके बाद प्लानिंग के तहत दुपट्टे से गला घोटकर हत्या की बाद में पेचकस से सिर पर कई वार भी किए। हत्या के बाद घर में अलमारी में रखे जेवरात और नकदी बैग में भरकर फरार हुए थे।
एक करोड़ के जेवर बरामद
रंजीत की नीली स्कूटी थी, जिससे ये लोग घटना करने के बाद भागे थे। सीसीटीवी में अखिलेश हेलमेट लगाए स्कूटी चलाते कैद हुआ। पीछे रंजीत ने हेलमेट उतार दिया था, जो पुलिस के लिए बड़ा क्लू था और इन्हीं फुटेज के सहारे पुलिस इस वारदात का राजफाश कर पाई। पुलिस गिरफ्तारी के बाद अखिलेश को लूटे गए जेवरात और सीसीटीवी की डीवीआर की बरामदगी के लिए ले गई। इस दौरान अखिलेश के बैग में असलहा भी था, उसे निकालकर पुलिस पर फायर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में अखिलेश को पैर में गोली लगी है। वहीं, एक सिपाही घायल हुआ है। आरोपियों के पास से करीब एक करोड़ रुपये के जेवर और विदेशी करेंसी बरामद हुई है। जिस नीली स्कूटी का इस्तेमाल किया गया था, वो भी बरामद की गई है। JCP क्राइम ने बताया कि इस पूरी वारदात में घर के अन्य सदस्यों और नौकरों की कोई अभी तक सहभागिता नहीं मिली है।